महावीर हॉस्पिटल अंबिकापुर 2023 का राज : Secret of Mahavir Hospital Ambikapur 2023

Secret of Mahavir Hospital Ambikapur 2023

Secret of Mahavir Hospital Ambikapur 2023: अम्बिकापुर : श्री महावीर अस्पताल में एक बीमार बच्ची को इलाज नहीं दिया गया और उसके परिवार के साथ गलत व्यवहार किया गया। परिवार का कहना है कि बच्ची की तबियत खराब थी, लेकिन अस्पताल ने उसे बिना इलाज के वापस भेज दिया। उन्हें मदद की बजाय अपमानित किया गया। इस बात की शिकायत परिवार ने अदालत में की।

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Secret of Mahavir Hospital Ambikapur 2023

अदालत ने इस मामले को गंभीरता से सुना और पाया कि अस्पताल ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की। अदालत ने अस्पताल के खिलाफ उचित कानून के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

इस घटना के बाद अस्पताल की सेवाओं पर सवाल उठने लगे हैं। परिवार को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और आगे ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।

मेयर कॉलोनी साईं मंदिर रोड निवासी वकील नीरज वर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी बेटी गंभीर रूप से बीमार थी। 5 सितंबर 2023 को वे उसे डॉ. टेकाम के क्लिनिक, नवापारा, अंबिकापुर ले गए। डॉक्टर ने ब्लड टेस्ट करवाने को कहा। रिपोर्ट में डेंगू और खून की कमी पाई गई। बेटी की तबियत लगातार बिगड़ रही थी, इसलिए 7 सितंबर 2023 को वे उसे अपने घर के पास श्री महावीर अस्पताल ले गए।

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अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने ओपीडी फीस 300 रुपये जमा की। बेटी को केज्युल्टी रूम में ले जाया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जांच के बाद दवा लिखी और मेडिकल स्टोर से दवा लाने को कहा। भर्ती के लिए 3000 रुपये और ब्लड टेस्ट के लिए फीस जमा कराई गई। डॉक्टर ने बताया कि मरीज को टायफायड और डेंगू दोनों हैं। प्लेटलेट्स और खून का स्तर बहुत कम था, इसलिए तुरंत दो यूनिट प्लेटलेट्स और दो यूनिट खून चढ़ाने की जरूरत थी। इसी दौरान बेटी को इंजेक्शन और स्लाइन लगाया गया।

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केज्युल्टी रूम में दो बेड थे, जो पहले से फुल थे। डॉक्टर ने कहा कि जनरल वार्ड का बेड नंबर 12 खाली होते ही मरीज को वहां शिफ्ट कर देंगे। नीरज वर्मा ने अनुरोध किया कि अगर बेड नहीं है तो जमीन पर बिस्तर लगवा दें ताकि बेटी को आराम मिल सके। डॉक्टर को यह बात पसंद नहीं आई और वे गुस्से में आ गए। उन्होंने नर्सिंग स्टाफ से कहा कि इस मरीज को तुरंत यहां से हटा दो, इसका इलाज हमारे अस्पताल में नहीं होगा।

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डॉक्टर के इस व्यवहार से नीरज वर्मा, उनकी पत्नी और परिवार के अन्य लोग हैरान रह गए। उन्होंने कई बार इलाज की विनती की, लेकिन डॉक्टर ने उनकी एक न सुनी और उन्हें जबरन अस्पताल से निकाल दिया गया। जब वर्मा ने जमा की गई फीस, प्रिस्क्रिप्शन स्लिप और दवा मांगी, तो डॉक्टर ने उनकी बेटी की फाइल अपने पास रख ली और पैसे लौटाने से मना कर दिया। दवा भी नहीं दी गई। वर्मा की पत्नी ने दूसरी जगह इलाज कराने के लिए फाइल की फोटो मांगी, तो काफी कहने के बाद मोबाइल से फोटो लेने दिया गया। बेटी को लगाया गया स्लाइन भी निकाल दिया गया।

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