Tragic Suicide of Truck Driver in Surajpur Coal Mine: सूरजपुर :सूरजपुर जिले के विश्रामपुर क्षेत्र में आमगांव कोयला खदान में एक दुखद घटना घटी है। यहां के ट्रक चालक मनोज जाट ने रात अपने ट्रक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है। मनोज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी परेशानियों का खुलासा करता नजर आता है।
Tragic Suicide of Truck Driver in Surajpur Coal Mine
वीडियो में मनोज भावुक होकर कहता है कि वह अपनी पत्नी से बहुत दुखी है और अब इस दर्द को वह और सहन नहीं कर सकता। मनोज की पत्नी कथित तौर पर अपनी बेटी के साथ किसी अन्य व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है, जिससे मनोज मानसिक रूप से टूट चुका था। वीडियो में मनोज अपने बड़े भाई से अपने ट्रक की बिक्री से मिलने वाले पैसों को अपने बच्चों के नाम करने की बात कर रहा है। उसने बताया कि वह अपनी बेटी का हाल ही में जन्मदिन मनाने से वंचित रहा क्योंकि उसकी पत्नी ने ऐसा नहीं होने दिया।
मनोज उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला था और वर्तमान में जांजगीर-चांपा जिल के डभरा में रहता था। उसके दो बेटे और एक बेटी है। परिवार के साथ कटु संबंध होने के कारण मनोज मानसिक तनाव में था और उसने आखिरकार यह गंभीर कदम उठाया।
पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के पीछे पारिवारिक तनाव और मानसिक संघर्ष को मुख्य वजह माना जा रहा है। हालांकि, खदान प्रबंधन पर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगे थे, जिन्हें अधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के पीछे कोई बाहरी कारक नहीं था, बल्कि यह पारिवारिक समस्याओं का परिणाम है।
स्थानीय प्रशासन ने परिवार के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भी पहल शुरू कर दी है। साथ ही खदान क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
इस दुखद घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को एक बार फिर उभारा है। परिवार और समाज को चाहिए कि वे इस तरह की समस्याओं को गंभीरता से लें और जरूरतमंद लोगों की मदद करें। मनोज की आत्महत्या ने यह संदेश दिया है कि किसी भी कठिनाई का सामना अकेले न करें बल्कि सहारा लें।
यह मामला दर्शाता है कि व्यक्तिगत और पारिवारिक संघर्ष कभी-कभी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को इतना प्रभावित कर देते हैं कि वह जीवन समाप्त करने जैसा कदम उठा लेता है। इसलिए समाज को जागरूकता फैलानी होगी और ऐसे लोगों की मदद करनी होगी जो इस तरह की मानसिक समस्याओं से गुजर रहे हैं।
यह घटना समाज, परिवार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि वे इस तरह की संवेदनशील स्थितियों को गंभीरता से लें और आवश्यक मदद एवं समर्थन उपलब्ध कराएं।
सबसं ज्यादा जरूरी है कि परिवार के भीतर संवाद बढ़े और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग किया जाए। लोग अपनी समस्याओं को छुपाने के बजाय खुलकर बात करें ताकि वे सही समय पर सहायता प्राप्त कर सकें।
सूरजपुर के इस दुखद मामले में मनोज की आत्महत्या ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उम्मीद है कि इससे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर और जागरूकता बढ़ेगी और ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।
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