Shiksha-Nyay Andolan:– अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ सरकार की नई नीति के कारण 10,463 स्कूल बंद होने और करीब 45,000 शिक्षकों की नौकरी जाने की आशंका है। इस फैसले से राज्य में शिक्षा को लेकर बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह गरीब और गांव के बच्चों के लिए नुकसानदायक है। इसी वजह से कांग्रेस ने ‘शिक्षा-न्याय आंदोलन’ शुरू किया है।

Shiksha-Nyay Andolan आंदोलन के तरीके
पहला कदम–
5, 6 और 7 जून को जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें कांग्रेस नेताओं ने मीडिया के सामने सरकार के फैसले का विरोध किया।
दूसरा कदम–
9, 10 और 11 जून को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।
तीसरा कदम–
16 से 25 जून के बीच “शिक्षा न्याय यात्रा” निकाली जाएगी। इसमें लोग 3 से 5 किलोमीटर पैदल चलेंगे और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के दफ्तर के बाहर विरोध करेंगे।
चौथा कदम–
1 से 10 जुलाई तक हर ब्लॉक में 5 से 10 बंद स्कूलों में बच्चों के माता-पिता और नेताओं के साथ धरना दिया जाएगा।
अंबिकापुर में भी इस नीति का विरोध हो रहा है। यहां स्कूलों में शिक्षकों की नई व्यवस्था शुरू होते ही कई शिक्षक नाराज हो गए। उन्होंने काउंसलिंग का विरोध किया और नारे लगाए। इससे काउंसलिंग का काम एक घंटे तक रुका रहा। अधिकारी मौके पर पहुंचे और शिक्षकों को समझाने की कोशिश की।
कांग्रेस का कहना है कि सरकार स्कूल बंद करके गरीब और गांव के बच्चों की पढ़ाई छीन रही है। इससे शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल में काम करने वाले रसोइयों और सफाई कर्मियों की नौकरी भी जा सकती है। छत्तीसगढ़ में स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया है। अंबिकापुर समेत कई जगहों पर कांग्रेस और शिक्षक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे राज्य में शिक्षा और राजनीति दोनों में हलचल है।
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