Self Promotion on Social Media:रायपुर :भिलाई के शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में जनरल सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवेंद्र सिंह तिवारी को सोशल मीडिया पर अपनी योग्यता और उपलब्धियों का प्रचार करना भारी पड़ गया। कॉलेज प्रशासन ने इसे अनुशासनहीनता और संस्थान की गरिमा के विपरीत मानते हुए डॉ. तिवारी को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, पूरे मामले की छानबीन के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन भी किया गया है।

Self Promotion on Social Media मामले की पूरी जानकारी
डॉ. शिवेंद्र सिंह तिवारी, जो कि जनरल सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपनी डीएनबी यूरोलॉजी डिग्री के साथ व्यक्तिगत प्रोफाइल और प्रचार कर रहे थे। कॉलेज के अनुसार, यह गतिविधि संस्थान के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और इससे कॉलेज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच सकती है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि डॉ. तिवारी को जनरल सर्जरी विभाग में नियुक्त किया गया है, जबकि वे सोशल मीडिया पर यूरोलॉजी विशेषज्ञ के रूप में प्रचारित हो रहे थे।

प्रबंधन की प्रतिक्रिया
कॉलेज प्रबंधन ने इस आचरण को अनुचित और संस्थान के सम्मान के खिलाफ बताते हुए डॉ. तिवारी को तत्काल प्रभाव से 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया। साथ ही, मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है, जो पूरे मामले की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
प्रदेश में पहली बार ऐसा मामला
बताया जा रहा है कि राज्य के किसी भी सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में यह पहला उदाहरण है, जब किसी डॉक्टर को सोशल मीडिया पर स्वयं का प्रचार करने के कारण निलंबित किया गया है। इसी वजह से यह मामला सुर्खियों में है और चिकित्सा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।
विशेषज्ञों की राय
मेडिकल क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि चिकित्सकों के लिए सोशल मीडिया पर पेशेवर आचरण बनाए रखना आवश्यक है। किसी भी प्रकार का भ्रामक या व्यक्तिगत प्रचार संस्थान की छवि को प्रभावित कर सकता है और मरीजों के विश्वास को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
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