School Children are Suffering from Severe Heat: सरगुजा अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में बढ़ते तापमान और लू के थपेड़ों ने स्कूली बच्चों के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सुबह 7 बजे से स्कूल शुरू होने के बाद भी तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावकों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश जल्दी शुरू करने की मांग उठाई है, जबकि प्रशासन ने स्कूल समय में बदलाव किया है।

School Children are Suffering from Severe Heat
अंबिकापुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में अप्रैल के पहले सप्ताह से ही तापमान 40°C के पार पहुंच गया है। राजनांदगांव जैसे इलाकों में अधिकतम तापमान 43°C दर्ज किया गया, जबकि अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 16.2°C रहा। 1 अप्रैल से प्राथमिक एवं पूर्व-माध्यमिक स्कूलों की पहली पाली सुबह 7:00 से 11:00 बजे तक चलेगी, जबकि हाईस्कूल की दूसरी पाली 11:00 से 3:00 बजे तक संचालित होगी। यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक लागू रहेगी और सभी सरकारी-निजी स्कूलों पर अनिवार्य है।
अभिभावकों की मांग:
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पहले ही रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर 42°C से अधिक तापमान में छुट्टियां घोषित करने की मांग की थी। अस्पतालों में वायरल हेपेटाइटिस और डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ने से अभिभावक चिंतित हैं।
प्रशासन की कार्रवाई:
लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल टाइमिंग में बदलाव के आदेश जारी किए हैं, लेकिन अभिभावकों का कहना है कि यह कदम अपर्याप्त है। उनका तर्क है कि पारा 40°C पार करने के बाद कक्षाएं बंद करनी चाहिए, जैसा पिछले साल 22 अप्रैल से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश देने का प्रावधान था।
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