Sanjeevani and Muktanjali Ambulance Service Corruption in CG: अम्बिकापुर : मरीज को मुफ्त अस्पताल पहुंचाने की योजना 108 संजीवनी एम्बुलेंस जो फर्म पिछले साढे 6 साल से चला रही है वह बड़ी बेईमान है। 5 साल का टेंडर था नया टेंडर नहीं होने के कारण डेढ़ साल से और चल रही है। हमने देखा है गाड़ियां खड़ी रहती है पर बिलिंग का मीटर घूमते रहता है। इतने सालों में सैकड़ो करोड़ का चुना यह कंपनी सरकार को लगा चुकी है।

Sanjeevani and Muktanjali Ambulance Service Corruption in CG
ऐसी सैकड़ो शिकायतें हमारी जानकारी में है और अखबारों में छपी भी है जिसमें मरीज 108 संजीवनी एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ने की बात सामने आई है। 108 एंबुलेंस में हो रही गड़बड़ियों को लेकर हाईकोर्ट की लगातार मिल रही फटकार के चलते अब छत्तीसगढ़ सरकार जाग गई है और ऐसे लोगों को राज्य से बाहर करने का रास्ता निकाल रही है। इस बात से नाराज ठेकदार बेचैन हो गए है और नई टेंडर पॉलिसी का विरोध कर रहे है। खुद को बेचारा बताकर मीडिया में भ्रामक जानकारी देते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर उंगली उठा रहे हैं।

यह उसी कांग्रेस नेता की कंपनी है जिसका नाम कोयला घोटाले में आया है पर गिरफ्तारी नहीं हुई है। ये चार भाई हैं इनके दर्जनभर फर्म है। इनकी हजारों ट्रके कोयले के खदानों में भी चलती है। छत्तीसगढ़ के कई बड़े राजनेताओं की काली कमाई भी इनके धंधे में लगी हुई है। बीते दिनों इनकम टैक्स विभाग ने रायपुर स्थित उनके दफ्तर पर छापा मारा था। जिसके बाद उन्होंने 30 करोड़ सरेंडर किया था।
वही मुक्तांजलि एंबुलेंस चलाने वाली इंदौर की फर्म को भी फर्जीवाड़ा में महारत हासिल है। बीते दिनों न्यूज़ 18 में बाकायदा वीडियो चली थी जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। प्रमाण मिलने के बावजूद उक्त कंपनी को विभाग की तरफ से क्लीन चिट दे दिया गया। इस एवज में 5 करोड़ में क्लीन चिट का सौदा तय होना ऐसा एक प्रतिष्ठित अखबार अपने सूत्रों के हवाले से बता रहा है।

मैं तो यही कहूंगा कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित संजीवनी और मुक्तांजलि एंबुलेंस योजना को संचालित कर रहे ठेकेदारों ब्लैक लिस्ट किया जाए। इसके लिए सरकार के पास पुख्ता प्रमाण भी है। उसके बाद किसी अन्य को नई उम्मीद के साथ इन योजनाओं की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
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