Privatization in Chhattisgarh TS Singhdev: अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ में निजी कंपनियों के बढ़ते दबदबे को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सोशल मीडिया पर मज़बूत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि जब से राज्य में एक बड़ी कंपनी आई है, कांग्रेस के नेता उसके विरोध में खड़े हुए हैं, तब से सरकारी संस्थान उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।

Privatization in Chhattisgarh TS Singhdev
टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जैसे इलाकों में जहाँ इस कंपनी ने काम शुरू किया है, वहां आदिवासियों की जमीन, जल और जंगल को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कोयला और सीमेंट जैसे उद्योगों में एकाधिकार बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस को निजी कंपनियों से कोई परेशानी नहीं, लेकिन भ्रष्टाचार और एकाधिकार के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस बड़ी कंपनी का साथ दे रही है और सरकारी एजेंसियां उसकी मदद कर रही हैं। यह बात चिंता वाली है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के रवैये से लोकतंत्र पर खतरा है।

आदिवासी इलाकों में खतरा बढ़ा
सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ में बहुत सारे आदिवासी रहते हैं, जिनका जीवन जंगल, पानी और जमीन पर निर्भर है। टीएस सिंहदेव ने बताया कि कंपनी के आने से आदिवासियों को काफी परेशानियां हुई हैं, जैसे जमीन छिनना, रोजगार में कमी, और पर्यावरण का नुकसान।
कांग्रेस बार-बार कहती है कि राज्य सरकार कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। सरकार इन आरोपों को नकारती है और कहती है कि उद्योग निवेश राज्य के विकास के लिए आवश्यक है। लेकिन लोगों को लग रहा है कि इससे उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं।
टीएस सिंहदेव का यह बयान छत्तीसगढ़ में निजीकरण और सरकारी नीतियों पर सवाल उठाता है। अब देखना होगा कि सरकार जनता और आदिवासियों की मदद के लिए कदम उठाती है या नहीं। फिलहाल यह मुद्दा खूब चर्चा में है।
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