Principal and Lecturer Rationalization Counseling: रायपुर : लोक शिक्षण संचालनालय, छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य स्तरीय प्राचार्य एवं व्याख्याता पदों के युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत काउंसिलिंग का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया उन प्राचार्यों और व्याख्याताओं के लिए निर्धारित है, जिन्हें हाल ही में अतिशेष (सरप्लस) घोषित किया गया है।

Principal and Lecturer Rationalization Counseling
यह काउंसिलिंग 12 जून 2025 को प्रातः 10:00 बजे, इंद्रावती भवन के सभा कक्ष क्रमांक 03, तीसरी मंजिल, नवा रायपुर में आयोजित की जाएगी। राज्य भर के अतिशेष प्राचार्य एवं व्याख्याता इसमें भाग लेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में 10,463 स्कूलों के विलय के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक और प्राचार्य अतिशेष हुए हैं, जिनकी पुनर्नियुक्ति के लिए यह काउंसिलिंग की जा रही है।
काउंसिलिंग प्रक्रिया को लेकर कई जिलों में शिक्षकों ने पारदर्शिता की कमी, सूची जारी करने में देरी और मनमानी जैसे मुद्दों पर आपत्ति जताई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिना दावा-आपत्ति का मौका दिए काउंसिलिंग आगे न बढ़ाई जाए। शासन ने कोर्ट में आश्वस्त किया है कि सभी शिक्षकों से दावा-आपत्ति ली जाएगी और उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया बढ़ेगी। कुछ जिलों में काउंसिलिंग प्रक्रिया फिलहाल स्थगित भी है। शिक्षक संगठनों ने निष्पक्षता और पारदर्शिता की मांग की है। विभाग ने काउंसिलिंग से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत या दावा-आपत्ति के लिए अलग से व्यवस्था की है।

युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का संतुलित और बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है। इससे विद्यालयों की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित हो सकेगी। 12 जून 2025 को आयोजित होने वाली यह काउंसिलिंग छत्तीसगढ़ के शैक्षिक ढांचे में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी संबंधित प्राचार्य एवं व्याख्याता समय पर निर्धारित स्थान पर उपस्थित होकर प्रक्रिया में भाग लें और अपने दस्तावेज साथ लाना न भूलें।
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