Plot to kill soldiers with beer bombs fails: बीजापुर, छत्तीसगढ़: बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा के दुर्गम जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अब तक के सबसे बड़े संयुक्त अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। इस अभियान में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए बीयर बम सहित कई घातक विस्फोटक बरामद कर एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है।

नक्सलियों के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई
यह अभियान अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त ऑपरेशन माना जा रहा है। सुरक्षाबलों के सूत्रों के अनुसार, इस अभियान की तैयारी महीनों से चल रही थी। खुफिया जानकारी के आधार पर कर्रेगुट्टा के जंगलों को नक्सलियों का महत्वपूर्ण गढ़ माना जा रहा था, जहां से वे आसपास के क्षेत्रों में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते थे।
“हमारे पास पुख्ता खुफिया जानकारी थी कि यहां बड़ी संख्या में विस्फोटक छिपाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल सुरक्षाबलों के खिलाफ किया जाने वाला था,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।
Plot to kill soldiers with beer bombs fails: विशाल बल तैनाती और आधुनिक तकनीक का उपयोग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और ग्रेहाउंड फोर्स के हजारों जवानों को तैनात किया गया है। ये सभी विशेष रूप से प्रशिक्षित जवान नक्सल विरोधी अभियानों में महारत रखते हैं।
अभियान की विशेषता यह रही कि इसमें अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया गया। उच्च क्षमता वाले ड्रोन से पहाड़ी और जंगली इलाकों की बारीक निगरानी की गई, जिससे सुरक्षाबलों को जमीनी जानकारी मिलती रही। साथ ही, सैटेलाइट से मिलने वाली लाइव फीड के माध्यम से नक्सलियों के संभावित ठिकानों पर नजर रखी गई।
“ड्रोन और सैटेलाइट से मिली जानकारी के आधार पर हम नक्सलियों के ठिकानों तक पहुंचे और उनके द्वारा छिपाए गए विस्फोटकों को बरामद किया,” अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया।
बरामद किए गए विस्फोटक
सुरक्षाबलों ने इस बड़े अभियान के दौरान कई प्रकार के विस्फोटक बरामद किए हैं। इनमें सबसे खतरनाक बीयर बम थे, जो बीयर की खाली बोतलों में छिपाए गए थे। इन बीयर बमों की खासियत यह है कि ये आसानी से पहचान में नहीं आते और इनकी मारक क्षमता बहुत अधिक होती है।
इसके अलावा, जवानों ने जमीन में दबाए गए प्रेशर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) भी बरामद किए, जो जवानों के पैर रखते ही विस्फोट करने के लिए तैयार थे। विशेषज्ञों के अनुसार, इन सभी विस्फोटकों से एक साथ कई जवानों की जान जा सकती थी।
“बरामद किए गए विस्फोटक बहुत ही घातक थे और इनका निशाना हमारे जवान थे। इन्हें बड़ी सावधानी से निष्क्रिय किया गया है,” बम निरोधक दस्ते के एक सदस्य ने बताया।
अभियान का क्षेत्रीय प्रभाव
इस सफल अभियान का बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया है और उम्मीद जताई है कि इससे क्षेत्र में शांति स्थापित होगी।
“हम लंबे समय से नक्सलियों के आतंक में जी रहे थे। अब हमें उम्मीद है कि हमारे गांव में शांति लौटेगी और हम अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को बिना डर के अंजाम दे पाएंगे,” स्थानीय निवासी ने बताया।
छत्तीसगढ़ सरकार के एक प्रवक्ता ने इस अभियान को राज्य में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद से मुक्ति के बिना क्षेत्र में विकास संभव नहीं है। सरकार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
आगे की रणनीति
सुरक्षाबलों के अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़ी सफलताएं मिलने की उम्मीद है। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है और गांव-गांव में नागरिकों से संपर्क कर उन्हें सहयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
“हमारा लक्ष्य न केवल नक्सलियों के ठिकानों को नष्ट करना है, बल्कि उनके समर्थन आधार को भी कमजोर करना है। हम स्थानीय लोगों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया।
इस अभियान से न केवल नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि स्थानीय लोगों में सरकार और सुरक्षाबलों के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के सफल अभियानों से नक्सलियों का मनोबल टूटेगा और वे आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित होंगे।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों को कई बड़ी सफलताएं मिली हैं। इस ताजा अभियान से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय जुड़ा है, जिससे क्षेत्र में शांति और विकास की उम्मीदें बढ़ी हैं।
यह भी पढ़ें:-जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ दुनियाभर में भारतीय प्रवासियों ने उठाई आवाज, यूरोप से एशिया तक दिखा गुस्सा