Patients of Guillain Barre syndrome: सरगुजा : छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में Guillain-Barré Syndrome (GBS) के कई मामले सामने आए हैं। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम नसों पर हमला करता है। स्वास्थ्य विभाग ने इन मामलों की पुष्टि की है और मरीजों का इलाज जारी है।

Patients of Guillain Barre syndrome : GBS क्या है?
Guillain-Barré Syndrome एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। इससे नसों को क्षति पहुंचती है और मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन और गंभीर मामलों में पक्षाघात हो सकता है।
GBS के लक्षण:
- पैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन
- मांसपेशियों में कमजोरी जो धीरे-धीरे बढ़ती है
- चलने या सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई
- चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी, निगलने या बोलने में परेशानी
- सांस लेने में कठिनाई
- गंभीर मामलों में पूरे शरीर का पक्षाघात

GBS के कारण:
यह बीमारी अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होती है, जैसे कि श्वसन संक्रमण या पेट की गड़बड़ी। यह संक्रमण इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करता है, जिससे यह नसों पर हमला करने लगता है।
उपचार:
GBS का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर उपचार से मरीज की स्थिति में सुधार हो सकता है। उपचार में शामिल हैं:
- इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG): यह थेरेपी इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- प्लाज्माफेरेसिस: खून से हानिकारक एंटीबॉडी को हटाना।
- फिजियोथेरेपी और सांस लेने के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट।
स्थिति पर नियंत्रण:
सरगुजा संभाग के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मरीजों की देखभाल के लिए विशेष टीम बनाई है। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस बीमारी के लक्षणों और समय पर इलाज की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी जा रही है।
Guillain-Barré Syndrome एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। यदि किसी को इसके लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर निदान और इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
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