Panchayat Secretary Association: छत्तीसगढ़ : अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर बीते 22 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव संघ के द्वारा आज शहर में रैली निकालकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, और आने वाले दिनों में दिल्ली के जंतर मंतर में बैठकर हड़ताल करने की चेतावनी भी दी है, भाजपा सरकार पर निशाना करते हुए पंचायत सचिव संघ ने वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मोदी की गारंटी को फेल बताया है।

Panchayat Secretary Association’s प्रदेश के पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल
दरअसल अपनी एक सूत्रीय मांग शासकीय करण को लेकर प्रदेश के पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिनके हड़ताल पर जाने से पंचायत में होने वाले सारे काम प्रभावित हो रहे हैं और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,इधर संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पूर्व मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने की घोषणा की गई थी मगर डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी मोदी की गारंटी अब तक पूरी नहीं हो सकी है जिससे नाराज पंचायत सचिव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।

पंचायत सचिव मोदी की गारंटी पूरा नहीं होने से नाराज
इधर छत्तीसगढ़ प्रदेश के 11 हजार से अधिक पंचायत सचिव मोदी की गारंटी पूरा नहीं होने से नाराज नजर आ रहे हैं, सचिवो के हड़ताल पर जमीनी स्तर पर होने वाले काम ठप पड़ गए हैं, इधर अनिश्चित करें हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव संघ सरकार के खिलाफ एक मोर्चा खोल दिए हैं और आने वाले दिनों में देश की राजधानी जंतर मंतर मैदान में अनिश्चित कालीन हड़ताल करने की बात संघ ने की है।
निखिल श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार संघ का ज्ञापन लेने पहुचे नायब तहसीलदार ने बताया कि शासकीय करण करने की मांग को लेकर सचिव संघ का ज्ञापन आगे प्रेरित किया जाएगा।

कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के बाद राज्य और देश में विकास की बात करने वाली भाजपा सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में असमर्थ नजर आ रही है जिसको लेकर अब कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपनी मांगों को पूरा करने का आवाहन कर रहे हैं, देखना होगा कि छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी को पूरा करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार चुनाव से पहले किए गए वादों को कब तक पूरा कर पाती है या फिर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर यूं ही हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
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