Pakistan-China relations asked for help from China: इस्लामाबाद, 28 अप्रैल 2025 – पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस तनावपूर्ण माहौल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से टेलीफोन पर महत्वपूर्ण वार्ता की।

Pakistan-China relations asked for help from China: पाकिस्तान का पलटवार
वार्ता के दौरान, डार ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी से किनारा करते हुए भारत पर ही आरोप मढ़ दिया। उन्होंने भारत की “एकतरफा कार्रवाई और निराधार प्रचार” को पाकिस्तान के विरुद्ध झूठे आरोप करार दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस बैठक का विवरण साझा करते हुए लिखा, “उप प्रधान मंत्री/विदेश मंत्री, सीनेटर मोहम्मद इशाक डार ने आज चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ वर्तमान क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की।”
पोस्ट में आगे कहा गया, “चीन के निरंतर समर्थन के लिए गहरी कृतज्ञता जताते हुए, डार ने पाकिस्तान-चीन मैत्री और रणनीतिक सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों ने क्षेत्रीय शांति, आपसी सम्मान और एकतरफा नीतियों का विरोध करने का संकल्प लिया।”
चीन की भूमिका
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वांग यी ने इस फोन वार्ता में कहा कि चीन कश्मीर क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद उपजे तनाव पर कड़ी नज़र रख रहा है। उन्होंने निष्पक्ष जांच के समर्थन के साथ-साथ दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आह्वान किया।
वांग ने यह भी कहा कि आतंकवाद से लड़ना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है, और चीन पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों का समर्थन करता रहेगा।
पाकिस्तान का विवादास्पद बयान
इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में स्काई न्यूज के साथ एक वायरल इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों को वित्तीय सहायता और समर्थन दिया है, यह दावा करते हुए कि, “हम लगभग तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं…”
शहबाज शरीफ का प्रस्ताव
यह वार्ता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उस बयान के बाद हुई है जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की “तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय” जांच में सहयोग की पेशकश की थी। भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय समर्थन के कारण पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
भारत के कठोर कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कूटनीतिक कदम उठाए हैं:
- अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना का निलंबन
- पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए मात्र 40 घंटे का समय
- दोनों देशों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या में कमी
- 1960 की सिंधु जल संधि का निलंबन
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद देशवासियों को आश्वासन दिया है कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के अंतिम गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के अपराधियों की कमर तोड़ देगी।
इस संकट के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें भारत और पाकिस्तान के अगले कदमों पर टिकी हुई हैं, जबकि चीन इस क्षेत्रीय तनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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