Naxals Surrender in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में इस साल के पहले तीन महीनों में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संख्या पिछले साल इसी अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने छत्तीसगढ़ के सबसे कठिन युद्ध क्षेत्र में नक्सलियों को हथियार डालने के लिए राजी करने के उद्देश्य से खुफिया शाखा को सक्रिय कर दिया है।

Naxals Surrender in Chhattisgarh
अर्धसैनिक बल द्वारा अपने खुफिया अभियान इकाई को जारी निर्देश में ‘जन मिलिशिया’ और रिवोल्यूशनरी पीपल्स कमेटी (आरपीएससी) के सदस्यों के साथ-साथ उनके समर्थकों की ‘पहचान’ करने का काम सौंपा गया है। सीआरपीएफ ने अपनी खुफिया इकाई से यह भी कहा है कि वे स्थानीय निवासियों के साथ संवाद करें, उन्हें यह प्रेरित करें कि वे नक्सली कैडरों को आत्मसमर्पण करने, नक्सली विचारधारा को त्यागने और समाज के मुख्यधारा में शामिल होने के लिए मनाने में भूमिका निभाएं। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण के आधिकारिक आंकड़े प्राप्त हुए हैं, जिनके अनुसार 2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में कुल 124 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले थे, जिसमें कुछ ऐसे नक्सली शामिल हैं जिन पर इनाम घोषित था जबकि कुछ पर इनाम घोषित नहीं था तथा कुछ ‘जन मिलिशिया’ के सदस्य थे।
आंकड़ों के अनुसार इस साल (2025) की इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 280 हो गई है। वर्ष 2024 में कुल 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से अधिकतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और इसकी विशेष कमांडो इकाई कोबरा द्वारा किए गए प्रयासों के कारण हुए।
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