Naxal-free Villages in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है एक तरफ बड़े-बड़े इनामी नक्सली मारे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं नक्सलियों के सरेंडर से नक्सल संगठन को बहुत नुकसान पहुंच रहा है छत्तीसगढ़ सरकार के दमदार एंटी नक्सल नीति से प्रभावित होकर पिछले 14 महीनों में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने हथियार डाल दिया है।

Naxal-free Villages in Chhattisgarh सरेंडर नक्सलियों को मिलेंगे दोगुने पैसे
इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल पुनर्वास नीति का विस्तार किया है और पूरे देश में अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ सरेंडर नीति को लागू किया है, जिसके तहत सरकार ने ऐलान किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तीन साल तक हर महीने 10 हजार रुपये दिए जाएंगे, यानि की 36 महीनों में कुल 3 लाख 60 हजार रुपये एक नक्सली को मिलेगा इसके साथ ही तीन साल तक रहना और खाना भी सरकार फ्री देगी।
इतना ही नहीं सरेंडर करने पर इनाम की राशि भी नक्सलियों को ही दी जाएगी और सबसे खास बात यह है कि अगर एक साथ कई नक्सली समूह में सरेंडर करेंगे, तो इनाम की राशि दोगुनी करके दी जाएगी।

हथियार के भी मिलेंगे पैसे
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकर जमीन देगी और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के जरिए नक्सलियों को रोजगार के लायक बनाया जाएगा इन सब के बीच अगर कोई नक्सली हथियार के साथ सरेंडर करता है तो उसे हथियार के पैसे भी मिलेंगे।

Naxal-free Villages in Chhattisgarh नक्सलमुक्त गांव को मिलेगा 1 करोड़ का ईनाम
वहीं नक्सलमुक्त होने वाली पंचायतों को सरकार 1 करोड़ देगी इस राशि का उपयोग उन पंचायतों में आने वाले गांवों के विकास के लिए किया जाएगा , डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की।
सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रही है और कई लेयर की स्ट्रैटिजी बनाकर लाल आतंक को हर तरफ से घेर रही है नक्सलियों के सफाये के लिए सरकार अब आत्मसमर्पित नक्सलियों की भी मदद ले रही है इसलिए सरेंडर पॉलिसी को और मजबूत किया जा रहा है।
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