Mitanin Sisters Announcement of Gherao of Chief Minister’s residence on 4th September: रायपुर : छत्तीसगढ़ में मितानिन दीदियों की हड़ताल 7 अगस्त से जारी है। सोमवार को रायपुर में मितानिनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी तीन मुख्य मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 4 सितंबर को 75 हजार से ज्यादा मितानिनें मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी।

Mitanin Sisters Announcement of Gherao of Chief Minister’s residence on 4th September
मितानिनों का कहना है कि वे लंबे समय से मानदेय बढ़ाने, नियमित किया जाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रही हैं। वे गांव-गांव जाकर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा देती हैं, लेकिन उन्हें सही वेतन और सुरक्षा नहीं मिली है। हड़ताल की वजह से टीकाकरण, पोषण और गर्भवती महिला देखभाल जैसी सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
संघ ने कहा कि उनकी तीन मांगें हैं: सभी मितानिनों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जोड़ना, वेतन में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी, और एनजीओ ठेका व्यवस्था खत्म करना। वे चाहते हैं कि वे सरकारी कर्मचारी बनें, क्योंकि एनजीओ सिस्टम में उत्पीड़न होता है।
यह आंदोलन अब छत्तीसगढ़ के पांच संभागों में फैल चुका है। कई जगह मितानिन धरना प्रदर्शन कर रही हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा आ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने बातचीत की कोशिश की, पर कोई समाधान नहीं निकला।
मितानिनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी। मुख्यमंत्री निवास का घेराव इस आंदोलन को और बढ़ा देगा। सरकार को चेतावनी दी गई है कि जल्दी निर्णय लें, वरना स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में और परेशानी होगी।
मितानिन योजना 2002 में शुरू हुई थी, जिसने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाया। लेकिन हड़ताल से यह काम प्रभावित हो रहा है। अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हैं और समाधान ढूंढने की कोशिश में हैं।
यह हड़ताल सिर्फ वेतन की नहीं, बल्कि सम्मान और बेहतर स्वास्थ्य सेवा की मांग है। सरकार को इससे सीख लेकर समाधान करना होगा, ताकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सही ढंग से काम करें और मितानिनों को सम्मान मिले।
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