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बैकुंठपुर में झाड़ियों में मिली बड़ी मात्रा में सरकारी जीवन रक्षक दवाएं, एक्सपायरी में अभी सालों बाकी – स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल : Medicines Found in Bushes in Baikunthpur

Medicines Found in Bushes in Baikunthpur

Medicines Found in Bushes in Baikunthpur: कोरिया: कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने जिला स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नुरुल हुडा मेरिज हॉल के पीछे झाड़ियों में बड़ी मात्रा में सरकारी जीवन रक्षक दवाइयां फेंकी हुई पाई गई हैं, जो अभी एक्सपायर भी नहीं हुए हैं।
स्थानीय लोगों की सूचना पर जब ड्रग विभाग द्वारा जांच की गई तो पाया गया कि ये दवाइयां महंगी और उपयोग लायक थीं, जिनकी एक्सपायरी 2026 से 2029 तक की है। यानी इन्हें अभी वर्षों तक उपयोग में लाया जा सकता था।

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Medicines Found in Bushes in Baikunthpur जनहित के साथ घोर खिलवाड़

दवाइयों का इस तरह झाड़ियो में मिलना केवल लापरवाही नहीं, बल्कि यह गंभीर अनियमितता और जनहित के साथ घोर खिलवाड़ का मामला है। ये ये दवाइया है, जो जरूरतमंद मरीजो को मुफ्त में उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन वे अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचने के बजाय बर्बाद कर दी गई।


कौन जिम्मेदार है इस आपराधिक लापरवाही का ?

इस खुलासे के बाद से जिले में हड़कंप मच गया है और आम नागरिकों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में सरकारी दवाइयां बाहर कैसे पहुंची? कौन जिम्मेदार है इस में आपराधिक लापरवाही का प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। आमजन अब यह जानना चाहता है कि दोषियों पर कब कार्रवाई होगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

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स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न

कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने जिले की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। नुरुल हुडा मेरिज हॉल के पीछे झाड़ियों में बड़ी संख्या में सरकारी जीवनरक्षक दवाइयां पाई गई हैं, जो अभी समाप्ति तिथि से बहुत पहले हैं।

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सूचना मिलने पर ड्रग विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जांच की

स्थानीय लोगों की सूचना मिलने पर ड्रग विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जांच की, जिसमें यह पता चला कि ये दवाएं महंगी और उपयोगी थीं, जिनकी समाप्ति तिथि 2026 से 2029 के बीच है। अर्थात, इन दवाओं का उपयोग अभी कई वर्षों तक किया जा सकता था।

इन दवाओं में मलेरिया किट, इनहेलर सहित अन्य आवश्यक औषधियां शामिल थीं, जिन पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) का होलोग्राम लगा हुआ था। यह साफ दर्शाता है कि ये दवाएं सरकारी अस्पतालों को वितरित की जानी थीं, लेकिन उन्हें फेंक दिया गया।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

इस घटना के प्रकाश में आने के बाद जिले में चिंता का माहौल है। नागरिक और स्थानीय प्रतिनिधि प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ड्रग विभाग अब बैच नंबर के आधार पर जांच कर रहा है कि ये दवाएं किस स्वास्थ्य केंद्र के लिए भेजी गई थीं और इन्हें किसने इस तरह फेंका।

प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

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