ट्रेंडिंग स्टोरीज

छत्तीसगढ़ में रंग पंचमी पर मनाई गई लट्ठमार होली, कुंवारी कन्याओं ने लोगों पर बरसाई बांस की डंडे : Lathmar Holi Celebrated on Rang Panchami

Lathmar Holi Celebrated on Rang Panchami

Lathmar Holi Celebrated on Rang Panchami: जांजगीर-चाम्पा :  रंगपंचमी पर्व पर छग. के जांजगीर-चाम्पा जिले में भी लट्ठमार होली मनाई गई यहां कुंवारी कन्याओं ने बांस की छड़ी बरसाई , आखिर इसके पीछे की वजह क्या है और कब से यह परिपाटी चली आ रही है।

कुंवारी कन्याओं ने लोगों पर बरसाई बांस की डंडे

जांजगीर-चाम्पा जिले के बलौदा ब्लॉक के पंतोरा गांव की है जहां बरसाना की तरह लट्ठमार होली की परंपरा कई दशकों से चली आ रही है यहां कुंवारी कन्याओं के द्वारा छड़ी बरसाई जाती है और दशकों से यह परंपरा निभाई जा रही है रंगपंचमी के दिन गांव के मां भवानी मंदिर में ग्रामीण एकत्रित होते हैं. फिर पूजा-अर्चना के बाद यह छड़ी बरसाने की परंपरा निभाई जाती है साथ ही, बड़ी संख्या में लोग छड़ी खाने पहुंचते हैं भवानी मंदिर, ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र भी है।

image 269

Lathmar Holi Celebrated on Rang Panchami मान्यता

राधा के गांव बरसाने की तर्ज पर पंतोरा में भी ‘लट्ठमार होली’ की परंपरा दशकों से चली आ रही है, रंग पंचमी से पहले ग्रामीण कोरबा के मड़वारानी के जंगल से बांस की छड़ी लेकर आते हैं फिर रंग पंचमी के दिन मां भवानी मंदिर में छड़ियों की पूजा-अर्चना की जाती है इसके बाद कुंवारी कन्याओं की ओर से माता को 5 बार बांस की छड़ी स्पर्श कराई जाती है ।

फिर मंदिर परिसर में मौजूद देवी-देवताओं पर कुंवारी कन्याएं बांस की छड़ी बरसाती हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस परंपरा को ग्रामीणों ने बरकरार रखा है और हर साल रंग पंचमी के दिन लट्ठमार होली मनाई जाती है ऐसी मान्यता है कि माता की कृपा ग्रामीणों पर बनी रहती है और जब से इस प्रथा की परंपरा निभाई जा रही है, तब से कोई गंभीर बीमारी गांव में नहीं आई है ऐसे में ग्रामीणों की आस्था और बढ़ गई है ।

image 270

वर्षों से चली आ रही अनोखी परंपरा

छग. में ऐसी अनोखी परंपरा और कहीं नहीं है केवल पंतोरा गांव में लट्ठमार होली की यह परंपरा है लोगों में व्यापक उत्साह देखा गया और वे हर साल रंग पंचमी यानी लट्ठमार होली का इंतजार करते हैं और कुंवारी कन्याओं के हाथों छड़ी की मार खाकर लोग भी खुद को तृप्त करते हैं ।

Also Read- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश , चार महीने के भीतर नियमित होंगे संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी

Advertisement

ताजा खबरें