बच्चे की चाहत में जिंदा चूजा निगला, दम घुटने से हुई मौत

बच्चे की चाहत में जिंदा चूजा निगला, दम घुटने से हुई मौत

बच्चे की चाहत में जिंदा चूजा निगला, दम घुटने से हुई मौत : छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर (सरगुजा) जिले के छिंदकालो गांव में एक दुखद घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। 35 वर्षीय आनंद कुमार यादव नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जब उन्होंने एक स्थानीय बैगा (जादूगरनी) की सलाह पर एक जिंदा चूजा निगल लिया। यह घटना अंधविश्वास और अवैज्ञानिक उपचारों के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है।

घटना का विवरण

आनंद कुमार यादव और उनकी पत्नी पिछले 05-6 वर्षों से संतान सुख से वंचित थे। निराशा में, वे एक स्थानीय बैगा के पास गए, जिसने उन्हें एक अजीब उपाय सुझाया – एक जिंदा चूजा निगलना। इस सलाह को मानते हुए, आनंद ने चूजे को निगलने का प्रयास किया।

दुर्भाग्य से, चूजा उनके गले में फंस गया, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और वे बेहोश हो गए। परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत नजदीकी मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम में चौंकाने वाला खुलासा

पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों को एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला। आनंद के गले में एक जिंदा चूजा मिला, जो लगभग 20 सेंटीमीटर लंबा था। डॉ. संतु बाग, जिन्होंने शव परीक्षण किया, ने बताया कि यह उनके 15,000 से अधिक पोस्टमार्टम के करियर में पहली बार देखा गया मामला था।

अंधविश्वास का खतरनाक परिणाम

यह घटना अंधविश्वास और अवैज्ञानिक उपचारों के प्रति लोगों के झुकाव को दर्शाती है। ग्रामीणों का मानना है कि आनंद ने पिता बनने की इच्छा में यह कदम उठाया। यह घटना समाज में जागरूकता की कमी और पारंपरिक उपचारों के अंधानुकरण के खतरों को उजागर करती है।

पुलिस जांच और सामुदायिक प्रतिक्रिया

स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वे घटना के पीछे के कारणों और संभावित रूप से शामिल बैगा की भूमिका की जांच कर रहे हैं। समुदाय में इस घटना ने शोक और आश्चर्य की लहर पैदा कर दी है।

यह दुखद घटना अंधविश्वास और अवैज्ञानिक प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। समाज के सभी वर्गों को मिलकर शिक्षा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।

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