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अम्बिकापुर-रसूखदार माफियाओं के अवैध निर्माण पर, अपने आदेश का पालन कराने में निगम प्रशासन लाचार : Illegal Construction by Influential Mafias

Illegal Construction by Influential Mafias

Illegal Construction by Influential Mafias: अंबिकापुर:  समाजिक कार्यकर्ता श्री ए एन पाण्डेय ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ गंभीर आरोप लगाते हुए,माफियाओं और निगम प्रशासन के आपसी गठजोड़ का पोल खोल दिया है! उन्होंने बताया कि जहाँ एक ओर अम्बिकापुर नगर पालिक निगम, निरीह गरीब मजलूमों पर बगैर कोई सूचना और आदेश के, उनके घरों और झोपड़ पट्टीयों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें बेघर कर देती है, वहीं दूसरी ओर रसूखदार माफियाओं के अवैध निर्माण को नगरपालिक निगम अम्बिकापुर अपने हीं(आयुक्त) निगम कमिश्नर के आदेश का भी पालन करा पाने में, स्वयं हीं निरीह और लाचार हो गयी है, जो बहुत बड़ी सवालिया निशान है।

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Illegal Construction by Influential Mafias समाजिक कार्यकर्ता श्री ए एन पाण्डेय ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ

श्री पाण्डेय ने दस्तावेजी प्रमाण सहित बताया कि उन्होंने, दिनाँक 14 नवंबर 2022 को निगम आयुक्त अम्बिकापुर को, इस बात का शिकायत पत्र दिया कि -उनके कार्यालय से भवन अनुज्ञा क्रमांक 4292 दिनाँक 3जुलाई 2018 से श्रीमती किरण भजगवली को आवासीय भवन निर्माण हेतु ग्राउंड फ्लोर पर 175.5,फर्स्ट फ्लोर पर 163.95,एवं सेकेण्ड फ्लोर पर 163.95 वर्गमीटर पर निर्माण कराने का अनुज्ञा दिया गया है।

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जिसके बिपरीत निर्माण कर सार्वजनिक आम सड़क को भी प्रभावित किया गया है, जिसके बिरुद्ध कार्यवाही किया जावे! शिकायत पर निगम आयुक्त महोदया ने,डॉ किरण भजगवली को सूचना पत्र क्रमांक 519 दिनाँक 11 जनवरी 2023 जारी कर, 7 दिनों के अंदर जबाब माँगा कि- क्यों न आपके द्वारा किया गया अवैध निर्माण हटा दिया जावे!जिसपर श्रीमती किरण भजगवली ने दिनाँक 30 जनवरी 2023 को, सरासर असत्य/झूंठा लिखित जबाब दिया कि, उसने कोई अवैध निर्माण नहीं किया है, बल्कि प्राप्त अनुज्ञा के अनुरूप निर्माण कर सपरिवार निवास कर रह रही है।

ज़ब निगम आयुक्त महोदया अम्बिकापुर ने जाँच में यह पाया कि -उसे अनुज्ञा में दिए गए निर्माण स्थल से (100) सौ वर्गमीटर अधिक निर्माण किया गया है!तो उन्होंने श्रीमती किरण भजगवली को -“छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 कि धारा 293 एवं 307 के तहत नोटिस दिनाँक 13 अप्रेल 2023 जारी करते हुए लिखा कि, आपने असत्य और असमाधान कारक जबाब दिया है, तीन दिवस के भीतर सही जबाब नहीं देने पर, छ ग नगर पालिक निगम अधिनियम1956 की धारा 307 (3) के तहत आदेश जारी की जाएगी।

किरण भजगवली द्वारा कोई जबाब नहीं देने पर, दिनाँक 25 अप्रेल 2023 को, नगर पालिक निगम आयुक्त अंबिकापुर महोदया ने -“छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307 (3) के तहत आदेश पारित किया कि -श्रीमती किरण भजगवली 15 दिवस के भीतर अनुज्ञा के बिपरीत किये गए अतिरिक्त अवैध निर्माण को स्वयं से हटाकर सूचित करे, अन्यथा निगम द्वारा अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही करने पर, हटाने में आनेवाली खर्च भी वसूल की जावेगी! उक्त आदेश की प्रति निगम के उप अभियंता जोन क्रमांक 5 और उड़नदस्ता प्रभारी को देते हुए लेख किया गया कि, निर्धारित समयावधि में अवैध निर्माण नहीं हटाने पर, उन्हें कार्यवाही करने का आदेश भी दिया गया।

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उक्त आदेश का पालन नहीं होने पर श्री ए एन पाण्डेय ने आयुक्त नगर पालिक निगम से लेकर, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सहित, संभागीय आयुक्त एवं नगरीय प्रशासन मंत्रालय व मुख्य मंत्री महोदय रायपुर तक को दिया!किन्तु आज दिनाँक तक नगर निगम आयुक्त (IAS) के आदेश का पालन नहीं हो सका आदेश के बाद साजिश — श्री पाण्डेय के अनुसार निगम आयुक्त के आदेश के बाद डॉक्टर किरण भजगवली दम्पत्ति और निगम के अधिकारीयों/कर्मचारियों ने, आपस में अवैध सांठ -गांठ किया, जिसके तहत दिनाँक 21अप्रेल 2023 और 8 मई 2023 को बगैर दिनाँक उल्लेखित श्रीमती किरण भजगवली का आवेदन पत्र, जो “अनधिकृत बिकास के नियमितीकरण”का और उसके साथ किरण भजगवली का शपथ पत्र इस बात का कि -“जो भी निर्माण मेरे द्वारा किया गया है वह पूर्णतः अवैध है”।

शपथ पत्र में न कोई गवाह और ना हीं दिनाँक है!इतना हीं नहीं नोटेरियल भी नहीं है यानि पूरी तरह अवैध आवेदन और शपथ पत्र है! जो किसी भी कार्यालय द्वारा स्वीकार योग्य हीं नहीं है!जिसे भवन नहीं तोड़ने का आधार बनाने का साजिश रचा गया है! श्री पाण्डेय ने बताया कि ज़ब उन्होंने डॉ भजगवली के उक्त अवैध आवेदन एवं शपथ पर नियमितीकरण के संबंध में किये गए कार्यवाही कि जानकारी माँगा, तो दिनाँक 22नवंबर 2023 को यह जानकारी भी दे दी गई कि-“नगर पालिक निगम द्वारा आवेदित स्थल का वर्तमान चौडाई 5. 8मीटर पाया गया, जबकि अनुज्ञा में 12 मीटर है
नियमितीकरण अधिनियम 2022 के संबंध में प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार,ऐसा निर्माण जो परिभाषितभवन रेखा को प्रभावित करता हो या मार्ग रेखा के भीतर हो, ऐसे भवनो का नियमितीकरण नहीं नहीं किए जाने का प्रावधान है!उक्त प्रकरण में भवन मार्ग रेखा के भीतर है!भवन के तीन ओर प्रस्तावित मार्ग क्षेत्र में भवन निर्माण कर दिया गया है,”जो नियमितीकरण योग्य नहीं है।

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श्री ए एन पाण्डेय ने दस्तावेजों को दिखाते हुए यह बताया कि-ये आरोप नहीं बल्कि, उन्हीं के दिए दस्तावेजों से प्रमाणित है कि एक (IAS) निगम आयुक्त के आदेश का पालन उन्हीं का बिभाग कराने में बेबश और लाचार क्यों है!श्री पाण्डेय ने बताया कि आदेश देनेवाले आयुक्त महोदया के बाद तीन-तीन आयुक्त पदस्थ हुए और सभी के पास जाकर उन्होंने लिखित और मौखिक शिकायत देते हुए, उनके स्वयं के आदेश का परिपालन करने को कहा किन्तु निगम प्रशासन अम्बिकापुर अपने उक्त आदेश का पालन करने में बेबश और लाचार है!आखिर क्यों? वर्तमान निगम आयुक्त श्री डी एन कश्यप को भी, इस संबंध में दिनाँक 17 अप्रेल 2025 को दिया।

पुनः दिनाँक 14 मई 2025 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारत से पारित लेटेस्ट आदेश दिनाँक 30अप्रेल 2025 के साथ दिया!जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय दिया गया है कि-अवैध निर्माण पर त्वरित कार्यवाही करने के साथ साथ जिस अधिकारी कर्मचारी के समय अवैध निर्माण हुआ हो, उनके बिरुद्ध भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना चाहिए और ऐसा नहीं करने पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का भी अवमानना की श्रेणी में होगा!किन्तु आश्चर्य है की जो निगम प्रशासन गरीबों के झोपड़े और भवनो को रोज तोड़ रही वह अपने हीं आदेश का परिपालन क्यों नहीं कर पा रही है?

कौन है किरण भजगवली?- डॉक्टर किरण भजगवली और डॉक्टर राजेश भजगवलीपति-पत्नी हैं,दोनों शासकीय जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर में स्त्री रोग और बाल रोग बिशेषज्ञ के रूप में वर्तमान में भी पदस्थ हैं!इसके बाद भी दोनों ने, योजनाबद्ध साजिश के तहत, आवासीय भवन निर्माण का अनुज्ञा प्राप्त के, न सिर्फ अनुज्ञा के बिपरीत निर्माण किया, बल्कि प्रारम्भ से ही उसे भजगवली हॉस्पिटल ब्यवसायिक प्रयोजन के रूप में उपयोग कर स्वयं का निजी हॉस्पिटल संचालन कर रक्खा है।

जिससे सवाल उठना लाजिमी है कि क्या रसूखदार, पैसेवाले और माफिया लोग देश के नियम क़ानून और संबिधान सबसे उपर हैं!श्री पाण्डेय ने बताया की डॉक्टर किरण भजगवली दम्पत्ति दोनों हीं, शासकीय जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर में पदस्थ रहते हुआ, साजिश के तहत अपना भजगवली हॉस्पिटल चला रहा है!आवासीय भवन का अवैध रूप से ब्यवसायिक उपयोग कर रहा है!अपने अकूत अवैध कमाई से ऊँची पहुँच बनाकर सारे नियम क़ानून को बौना और नियम क़ानून का पालन कराने वाले को लाचार बना दिया श्री पाण्डेय ने बताया है कि यदि 15 जून तक निगम प्रशासन अपने आदेश का पालन नहीं करा पाएगी तो उसके बिरुद्ध आंदोलन एवं माननीय न्यायालय का सहारा ही एक मात्र बिकल्प बँच जाता है।

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