Health Facts About Coffee: अम्बिकापुर : कॉफी में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे मानसिक सतर्कता बढ़ती है और थकान दूर होती है। अध्ययनों से पता चला है कि कॉफी पीने के 20-30 मिनट के भीतर ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है, जिससे आप अधिक ताजगी और जागरूकता महसूस करते हैं।
मेटाबॉलिज्म और वजन नियंत्रण
कॉफी का सेवन मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है, जिससे शरीर तेजी से कैलोरी जलाने लगता है। यह प्रक्रिया 3-11% तक मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, कैफीन भूख को भी नियंत्रित करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

Health Facts About Coffee डायबिटीज़ और रक्त शर्करा नियंत्रण
कई शोध बताते हैं कि रोजाना 3-4 कप कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 23% से 50% तक कम हो सकता है। कॉफी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण बेहतर होता है। लेकिन, यदि कॉफी में ज्यादा शक्कर मिलाई जाए तो यह फायदा कम हो सकता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य पर प्रभाव
नियमित कॉफी पीने वाले लोगों में पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। कैफीन मस्तिष्क के जरूरी न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा करता है और संज्ञानात्मक कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

दिल और हृदय स्वास्थ्य
मध्यम मात्रा यानी दिन में 3-4 कप कॉफी पीने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। कॉफी में मौजूद पॉलीफेनोल्स दिल को स्वस्थ रखते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, अत्यधिक कैफीन लाभ के बजाय हृदय गति बढ़ा सकता है।
कॉफी के नुकसान
ज्यादा कॉफी पीने से नींद प्रभावित हो सकती है। खासकर शाम को कॉफी पीना अनिद्रा की समस्या बढ़ा सकता है। इसके अलावा ओवरडोज कैफीन तनाव और घबराहट को भी बढ़ा सकता है। खाली पेट कॉफी पीना पेट में एसिडिटी और मनोदशा में अस्थिरता ला सकता है।

रोजाना 3-4 कप तक कॉफी पीना सुरक्षित माना जाता है। कॉफी को बिना ज्यादा शक्कर या दूध के लेना बेहतर होता है। शाम के समय कॉफी पीने से बचना चाहिए ताकि नींद खराब न हो। अगर आपकी ब्लड शुगर या दिल से संबंधित कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
कॉफी सही मात्रा और समय पर पीने पर स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी होती है, जैसे ऊर्जा बढ़ाना, मेटाबॉलिज्म सुधारना और ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद करना। लेकिन जरूरत से अधिक या गलत तरीके से पीने से नींद, तनाव और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए संयम और संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
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