‘Gau Dham Yojana’ Launched in Chhattisgarh: रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और पशुधन की सुरक्षा के लिए “गौधाम योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य बेसहारा और घूमते-फिरते गौवंश की देखभाल करना, उनकी नस्ल में सुधार लाना और गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। इसके साथ जैविक खेती, हरे चारे का उत्पादन और गौ-आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

‘Gau Dham Yojana’ Launched in Chhattisgarh
गौधाम योजना में गौवंश की सुरक्षा और नस्ल सुधार के लिए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि पशु अधिक दूध दें और खेती-किसानी में सहायक बन सकें। इससे न केवल पशुधन की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि किसानों को सीधे फायदा भी होगा।
योजना के तहत चरवाहों को हर महीने लगभग ₹10,900 और गौसेवकों को करीब ₹13,100 मानदेय मिलेगा। इस मानदेय से उन्हें स्थायी आय का स्रोत मिलेगा और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

चयनित क्षेत्रों में गौधाम बनाए जाएंगे, जिनमें पशुओं के लिए शेड, पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध होगी। इन्हें प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जहां ग्रामीणों को जैविक खेती और गौ-उत्पाद बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी।
गौधाम के आसपास की जमीन पर हरा चारा उगाने के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी। एक एकड़ में चारा उत्पादन के लिए लगभग ₹47,000 और पांच एकड़ के लिए ₹2,85,000 की मदद दी जाएगी।

योजना की शुरुआत राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों से होगी। पात्र गौशालाओं, एनजीओ, ट्रस्ट और किसान समितियों का चयन जिला स्तर पर किया जाएगा, जिन्हें संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी।
गौधाम में उत्पन्न होने वाले गोबर की खरीद सरकार नहीं करेगी। इसे चरवाहे अपने उपयोग के लिए रख सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि यह योजना पशुधन संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, किसानों को जैविक खेती का लाभ पहुंचाएगी और गांवों में रोजगार तथा आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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