Female police officer victim of obscene comments: सुरजपुर जिले के करंजी थाना क्षेत्र में तैनात एक आदिवासी महिला कॉन्स्टेबल को गांव के युवक ने लगातार अश्लील टिप्पणियों और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया। घटना के पांच दिन बाद पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की, जिसके बाद आरोपी मकबूल हसन उर्फ लो के खिलाफ धारा 354 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) और 509 (शब्दों या इशारों से महिला की मर्यादा भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी अभियान शुरू किया है।

ड्यूटी के दौरान हुआ उत्पीड़न
पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक, महिला कांस्टेबल ड्यूटी के दौरान दतिमा गांव निवासी मकबूल हसन के बार-बार अश्लील टिप्पणियों और अभद्र इशारों का शिकार हुईं। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने पिछले कई महीनों से उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया था, लेकिन 5 अप्रैल को हद पार कर दी जब उसने खुलेआम अश्लील हरकत की। “वह मेरे सामने ही अशोभनीय इशारे करने लगा और गंदी गालियां देकर भाग गया। मैंने तुरंत सीनियर अधिकारियों को सूचना दी,” पीड़िता ने बताया।
पुलिस प्रशासन का त्वरित एक्शन
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी सुरजपुर ने तहकीकात के आदेश दिए। करंजी थाना प्रभारी ने बताया, “मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।” स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, मकबूल हसन पहले भी गांव में महिलाओं को परेशान करने के आरोपों में चर्चित रहा है।
Female police officer victim of obscene comments आदिवासी समुदाय में रोष, महिला सुरक्षा पर सवाल
यह घटना सुरजपुर के आदिवासी बहुल इलाके में महिला सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर गई है। जिला महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रीता नेताम ने घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, “यह केस दिखाता है कि समाज में महिला पुलिसकर्मियों को भी सुरक्षित माहौल नहीं मिल पा रहा। हम पुलिस प्रशासन से त्वरित न्याय की मांग करते हैं।” स्थानीय महिला संगठनों ने थाना परिसर में विरोध प्रदर्शन कर आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
पुलिस बल में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर सवाल
छत्तीसगढ़ पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ऐसी घटनाएं उनकी चुनौतियों को उजागर करती हैं। 2024 के पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पिछले तीन साल में महिला कर्मियों के खिलाफ उत्पीड़न के 17 मामले सामने आए हैं। पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने हाल ही में सभी जिलों को महिला कर्मियों की सुरक्षा के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें ड्यूटी के दौरान सहयोगी टीम उपलब्ध कराने के निर्देश शामिल हैं।
आगे की कार्रवाई और न्याय की उम्मीद
पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बताया कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए उसके सभी संभावित ठिकानों पर नजर रखी जा रही है। “हम पीड़िता को पूरा सहयोग दे रहे हैं। यह मामला हमारे लिए प्राथमिकता पर है,” एसपी कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया। स्थानीय नागरिक समाज संगठनों ने इस घटना को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाने की मांग की है।
सुरजपुर की यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था बल्कि सामाजिक मानसिकता पर भी सवाल खड़े करती है। एक तरफ जहां पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, वहीं ऐसे मामले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती को रेखांकित करते हैं। इस मामले में त्वरित कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया समाज को एक स्पष्ट संदेश देगी कि महिला सशक्तिकरण के रास्ते में अड़चनें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
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