कुसमुंडा क्षेत्र में भू-विस्थापितों का प्रदर्शन: रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर कार्यालय का घेराव : Demonstration of Land-Displaced People

Demonstration of Land-Displaced People

Demonstration of Land-Displaced People: कोरबा: कुसमुंडा क्षेत्र में एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की कोयला खदान से प्रभावित गांवों के भू-विस्थापितों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने कुसमुंडा कार्यालय के बाहर धरना दिया और अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई।

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Demonstration of Land-Displaced People भू-विस्थापितों की प्रमुख मांगों में स्थायी रोजगार

भू-विस्थापितों की प्रमुख मांगों में स्थायी रोजगार, पुनर्वास (नई बसाहट), अधिग्रहित भूमि की वापसी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वर्षों से उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। रोजगार न मिलने और पुनर्वास कार्यों में देरी से ग्रामीणों में गहरा असंतोष व्याप्त है। प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही खदान में कोयला परिवहन पूरी तरह रुकवा दिया, जिससे खनन और आपूर्ति कार्य प्रभावित हुए हैं। भू-विस्थापितों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, उनका आंदोलन जारी रहेगा और खदान का संचालन बाधित रहेगा।

आंदोलन की सूचना मिलते ही एसईसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया। हालांकि, भू-विस्थापितों ने कहा कि वे केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस समाधान चाहते हैं। इस विरोध-प्रदर्शन को क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों और सरपंचों का भी समर्थन मिल रहा है। कई नेताओं ने प्रबंधन को पत्र भेजकर भू-विस्थापितों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।

खनन कार्य बंद होने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और कोयला आपूर्ति पर सीधा असर हुआ है। भू-विस्थापितों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और खदान को पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा। कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित अपनी जायज मांगों को लेकर डटे हुए हैं। रोजगार, पुनर्वास और भूमि वापसी जैसी बुनियादी समस्याओं के समाधान के बिना वे आंदोलन समाप्त करने के मूड में नहीं हैं। अब देखना है कि प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए क्या ठोस पहल करते हैं।

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