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छत्तीसगढ़ में डीएपी खाद की किल्लत और मूल्यवृद्धि पर किसानों की चिंता, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने ने जताया विरोध : DAP Fertilizer

DAP Fertilizer

DAP Fertilizer: अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों को डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य की सहकारी समितियों में डीएपी खाद लगभग नहीं मिल पा रही है, जिससे किसानों में नाराजगी और चिंता बढ़ गई है। इस स्थिति पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और सरकार से तत्काल समाधान की मांग की है।

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DAP Fertilizer

मार्कफेड और सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस बार डीएपी खाद की आपूर्ति बेहद कम है। रूस-यूक्रेन युद्ध और लाल सागर क्षेत्र में जारी तनाव के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद का आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में डीएपी की सप्लाई बाधित हुई है। सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है, जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 1750 रुपए प्रति बोरी तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। आने वाले समय में कीमत और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। कृषि विभाग और मार्कफेड किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके (12:32:16) या सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन किसान डीएपी की मांग पर अडिग हैं।

किसानों की परेशानियां

दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार सहित कई जिलों में किसानों को डीएपी खाद के लिए समितियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कई जगहों पर किसानों को पर्ची ही नहीं मिल रही, तो कहीं सीमित स्टॉक के कारण कुछ ही किसानों को खाद मिल पा रही है। किसानों का कहना है कि बारिश शुरू हो चुकी है, लेकिन डीएपी खाद नहीं मिलने से वे बुवाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार खाद का वितरण लक्ष्य भी घटा दिया गया है, जिससे समस्या और गंभीर हो गई है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने डीएपी खाद की अनुपलब्धता और एनपीके खाद की कीमत में 250 रुपये की वृद्धि पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और खाद की उपलब्धता जल्द से जल्द सुनिश्चित करनी चाहिए। सरकार का दावा है कि राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, लेकिन डीएपी की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय कारणों से प्रभावित हुई है। किसानों को विकल्प के रूप में एनपीके और अन्य खाद मुहैया कराई जा रही है। डीएपी खाद में नाइट्रोजन (18%) और फॉस्फोरस (46%) की अधिक मात्रा होती है, जो धान समेत अन्य फसलों की जड़ों के विकास और बेहतर उत्पादन के लिए आवश्यक है। इसकी अनुपलब्धता से फसलों की पैदावार पर असर पड़ सकता है।

छत्तीसगढ़ के किसान समय से पहले आए मानसून के बावजूद डीएपी खाद की कमी और बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत विपक्ष ने सरकार पर खाद वितरण में लापरवाही का आरोप लगाया है और शीघ्र समाधान की मांग की है। फिलहाल सरकार डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके और अन्य खाद उपलब्ध करा रही है, लेकिन किसानों की मुख्य मांग डीएपी की ही बनी हुई है।

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