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चॉइस सेंटर वाले बना रहे फर्जी प्रमाण पत्र, सिविल सर्जन के डिजिटल साइन का भी उपयोग, मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज : Choice Centers Making Fake Certificates

Choice Centers Making Fake Certificates

Choice Centers Making Fake Certificates :सरगुजा अंबिकापुर :  फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है। नगर निगम की ओर से कोतवाली थाने में अज्ञात च्वाइस सेंटर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 10 दिन पूर्व भी 7 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अज्ञात च्वाइस सेंटरों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

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Choice Centers Making Fake Certificates

इस बार नगर निगम द्वारा दर्ज कराई गई है एफआईआर, जांच में 2 जन्म प्रमाण पत्र मिले हैं फर्जी, च्वाइस सेंटरों से बनाए जा रहे फर्जी प्रमाण पत्रों की चल रही है जांच, हाल के कुछ दिनों के अंदर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। कुछ दिन पूर्व मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने मणिपुर थाने में अज्ञात च्वाइस सेंटर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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इसके बाद पुन: नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के पंजीयक अवधेश पांडेय ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन्होंने पुलिस को बताया कि अज्ञात च्वाइस सेंटरों द्वारा फर्जी पोर्टल के माध्यम से डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। मामले में कोतवाली पुलिस ने अज्ञात च्वाइस सेंटर के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

निगम में दो जन्म प्रमाण पत्र पाया गया फर्जी

अवधेश पांडेय ने पुलिस को बताया कि विभिन्न च्वाइस सेंटरों द्वारा असंवैधानिक रूप से फर्जी हस्ताक्षर कर डिजिटल किया जा रहा है। इसमें 2 प्रमाण की जांच की गई, इसमें ऑनलाइन पोर्टल से विभिन्न च्वाइस सेंटरों द्वारा फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उक्त प्रमाण पत्र की जांच दौरान क्यूआर कोड को स्कैन करने पर स्कैन नहीं हो रहा है एवं अपने अधिकारिक वेबसाइट में चेक करने पर उक्त दोनों प्रमाण पत्र इस कार्यालय से जारी नहीं किए गए है। इस प्रकार के कृत्य से नगर पालिका निगम अम्बिकापुर की छवि धूमिल हो रही है।

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अस्पताल में 7 मामले आए हैं सामने

अस्पताल में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के कुल 7 मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी जन्म प्रमाण पत्रों में सिविल सर्जन डॉ. जेके रेलवानी का फर्जी डिजिटल साइन का भी उपयोग किया गया है।आश्चर्य की बात यह है कि 1962 में जन्म लिए व्यक्ति का भी ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। इसमें भी सिविल सर्जन के फर्जी डिजिटल साइन का उपयोग किया गया है।

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