Chhattisgarh’s Government Polytechnic Colleges : छत्तीसगढ़ राज्य के कई पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं जो की सरकारी हैं और उनका हालत खराब है कॉलेज की व्यवस्था बहुत ही घटिया तरीके से संचालित हो रहे हैं और किसी भी प्रकार की नई मशीन नहीं है और नई मशीनों से प्रैक्टिकल भी नहीं हो रही है यहां पर बहुत सारे संसाधनों की कमी है और यह सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में 40 साल पुरानी मशीन के माध्यम से प्रैक्टिकल किया जा रहा है ।
और बहुत सारे इसमें कंप्यूटर स्टूडेंट भी हैं जिनको कंप्यूटर की कमी की सामना करना पड़ रहा है और उनको ट्रेनिंग नहीं मिल पा रहा है और यहां पर पुराने पुराने आउटडेटेड मशीन से ट्रेनिंग दिया जा रहा है और अंबिकापुर में पॉलिटेक्निक कॉलेज है जिसमें 400 से अधिक छात्र इंजीनियर की पढ़ाई कर रहे हैं और ऐसी व्यवस्था के साथ उनको पढ़ाई करने में बहुत बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और पुराने पुराने मशीन हैं जिनसे की छात्रों को प्रैक्टिकल करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
Chhattisgarh’s Government Polytechnic Colleges : सरकारी और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों का आंकड़ा
- छत्तीसगढ़ में 35 सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज और 9 निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं।
- अंबिकापुर पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना 1983 में हुई थी और यहां 800 छात्रों की क्षमता है, जबकि फिलहाल 414 छात्र ही दाखिला ले पाए हैं।
- कॉलेज में 139 लेक्चरर और कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन 80 ही पोस्टेड हैं।
- कॉलेज में 6 ब्रांच हैं, जिनमें से दो ब्रांच में छात्रों का दाखिला नहीं हुआ है।
संसाधनों की कमी और पॉलिटेक्निक कॉलेज की हालत : Chhattisgarh’s Government Polytechnic Colleges
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में अंबिकापुर का पॉलिटेक्निक कॉलेज बहुत पुराना है जो कि पहले से संचालित किया जा रहा है और यहां पर 400 से अधिक छात्र इंजीनियर की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें केवल किताबी ज्ञान दिया जा रहा है और यहां पर बहुत सारी पुरानी पुरानी मशीन रखी गई है जो की आउटडेटेड हैं।
जिससे छात्रों को प्रैक्टिकल करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है और यहां के अभ्यर्थी परीक्षा से पास होकर सर्टिफिकेट लेकर निकलते हैं तो उनको नौकरी मिलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है क्योंकि अच्छी तरीके से ट्रेनिंग नहीं मिल पाता है जिससे कि वह अपना प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं ।
और सरगुजा संभाग में अंबिकापुर के अलावा अन्य कॉलेज भी खुले गए हैं और जशपुर बगीचा सूरजपुर बलरामपुर महेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज की कक्षाएं संचालित हो रहे हैं लेकिन यहां कॉलेज का कोई भी स्थाई भवन नहीं है स्थाई भवन में ही कल से लग रही हैं और कई जिलों में 2010 में भवन निर्माण का कार्य शुरू किया गया था।
लेकिन निर्माण के पहले ही बजट की कमी हो गई और भवन का निर्माण नहीं हो पाया इस प्रकार से यहां पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है क्योंकि छात्र एडमिशन नहीं ले रहे हैं ज्यादा संख्या में इस प्रकार से यहां की व्यवस्था अच्छी नहीं चल रही है।
Read Also- दिल्ली की चौथी महिला CM होंगी रेखा गुप्ता, जानें BJP में कैसा रहा है उनका सफर