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छत्तीसगढ़ PDS घोटाला: पंचायत सचिव सीमा जायसवाल समेत पांच पर FIR : Chhattisgarh PDS Scam

Chhattisgarh PDS Scam

Chhattisgarh PDS Scam: बलरामपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक बड़े सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वाड्रफनगर जनपद में स्थित ग्राम पंचायत बेबदी में पंचायत सचिव सीमा जायसवाल, जो जनपद उपाध्यक्ष पवन जायसवाल की पत्नी हैं, पर गरीबों के लिए आवंटित चावल का गबन करने का आरोप है। यह मामला खाद्य विभाग द्वारा की गई जांच के बाद प्रकाश में आया, जिसके बाद सरगुजा कमिश्नर के निर्देश पर कार्रवाई की गई। विशेष रूप से चिंताजनक यह है कि आरोपी सीमा जायसवाल पूर्व में भी एक गबन मामले में जेल जा चुकी हैं, फिर भी वे पंचायत सचिव के पद पर बनी रहीं।

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Chhattisgarh PDS Scam

वाड्रफनगर जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आवंटित चावल के वितरण में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। जांच में खुलासा हुआ कि ग्राम पंचायत बेबदी में पदस्थ पंचायत सचिव सीमा जायसवाल ने हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर PDS का चावल स्वयं हड़प लिया। सूत्रों के अनुसार, यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही थी, जिसका खुलासा स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतों के बाद उच्च स्तरीय जांच में हुआ।

इस गबन में कुल पांच लोग शामिल पाए गए हैं:

  1. सीमा जायसवाल – पंचायत सचिव और जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी
  2. जगमति – पूर्व सरपंच
  3. जीतलाल – पूर्व सरपंच के पति
  4. संतोष पण्डो – सहायक विक्रेता
  5. कन्हैया लाल – तौलक

इन सभी आरोपियों ने मिलकर गरीबों के लिए निर्धारित राशन का गबन किया और सिस्टम में धोखाधड़ी करते हुए लाभार्थियों के हक का अनाज हड़प लिया।

सीमा जायसवाल का पिछला इतिहास और ग्रामीणों का आक्रोश

विशेष रूप से चिंताजनक पहलू यह है कि जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी सीमा जायसवाल पूर्व में भी एक गबन के मामले में जेल जा चुकी हैं। इसके बावजूद वे पंचायत सचिव के महत्वपूर्ण पद पर कायम रहीं, जो प्रशासनिक निगरानी और नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है।

अब इस ताजा खुलासे के बाद ग्राम पंचायत बेबदी और आसपास के गांवों के निवासियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जरूरतमंदों का हक मारा जा रहा था और अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया। अब जब सच्चाई सामने आई है, तो वे न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।

भारत में PDS घोटालों की व्यापक समस्या

यह मामला अलग-थलग घटना नहीं है, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में होने वाले घोटालों का हिस्सा है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं, जहां राज्य भंडारण निगम में करोड़ों की धांधली का खुलासा हुआ है। सीतापुर के नेरी कला केंद्र पर 23,148 बोरे अनाज का गबन किया गया, जिसकी कीमत लगभग 7-8 करोड़ रुपये आंकी गई है।

इसके अतिरिक्त, गरीबों को वितरित किए जाने वाले चावल की गुणवत्ता भी संदिग्ध पाई गई है। कई स्थानों पर खराब किस्म का और पीले रंग का चावल वितरित किया जा रहा था, जो मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं था। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कहा है कि “भाजपा राज में गरीबों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ आम बात है” और “गरीबों का पेट भरने वाले अनाज पर भी डाका पड़ने लगा है”।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में उजागर हुआ यह PDS घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार और निगरानी की कमी को दर्शाता है। जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी सीमा जायसवाल और अन्य चार आरोपियों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह भी सवाल उठाता है कि पिछले गबन मामले में जेल जाने के बावजूद सीमा जायसवाल को पंचायत सचिव के पद पर बने रहने की अनुमति कैसे मिली।

इस प्रकार के घोटालों से गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को सीधा नुकसान होता है, जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। PDS जैसी योजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी सहायता वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। साथ ही, इस तरह के अपराधों के लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित हो और गरीबों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।

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