Catch the Rain:– अंबिकापुर: जिले में जल संकट की चुनौती से निपटने और भविष्य के लिए जल संसाधनों को संरक्षित करने के उद्देश्य से “मोर गांव मोर पानी” और “कैच द रेन” जैसी पहलें प्रारंभ की गई हैं। कलेक्टर श्री विलास भोस्कर के नेतृत्व और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में यह मुहिम जिले की सभी ग्राम पंचायतों में सक्रिय रूप से चलाई जा रही है।

Catch the Rain अभियान का मुख्य मकसद जल बचत, जल पुनर्भरण और भूजल स्तर को बढ़ाना है
इस विशेष अभियान का मुख्य मकसद जल बचत, जल पुनर्भरण और भूजल स्तर को बढ़ाना है। इसके अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। “कैच द रेन” यानी “बारिश का पानी वहीं रोके, जहां वह गिरे” की अवधारणा पर काम करते हुए गांव-गांव में पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अभियान के तहत पूरे जिले में व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ग्राम सभाओं, रैलियों, नुक्कड़ नाटकों और कार्यशालाओं के माध्यम से ग्रामीणों को पानी की अहमियत, जल संकट के कारणों और समाधान के उपायों की जानकारी दी जा रही है। बच्चों, महिलाओं और किसान समूहों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि जल संरक्षण एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले सके।
गांवों में तालाब, कुएं, चेक डैम, सोख्ता गड्ढा आदि का निर्माण और मरम्मत की जा रही है। पुराने तालाबों और बावड़ियों की सफाई एवं गहरीकरण किया जा रहा है। सरकारी भवनों, स्कूलों और पंचायत भवनों में छत पर जल संग्रहण प्रणाली लगाई जा रही है। जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया जा रहा है।प्रशासनिक अधिकारियों की सतत निगरानी और मार्गदर्शन में यह अभियान सफलता की ओर अग्रसर है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए कम से कम एक नवाचार करें और उसका उदाहरण प्रस्तुत करें।
इस पहल के माध्यम से जिले में भूजल स्तर में सुधार, जल संकट की समस्या में कमी और ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ने की संभावना है। “मोर गांव मोर पानी” और “कैच द रेन” जैसे अभियान न केवल अम्बिकापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक बन सकते हैं। जल संरक्षण को जन अभियान बनाने की यह अभिनव पहल निश्चित रूप से जल संकट से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और आने वाले समय के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
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