सरगुजा की महिलाओं को मिली कानूनी अधिकारों की जानकारी, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम: Awareness program organized on International Women Day

Awareness program organized on International Women Day

Awareness program organized on International Women Day: अंबिकापुर, 1 मार्च 2025: सरगुजा जिले के छिंदकालों में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक खास जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं और किशोरियों को उनके कानूनी अधिकारों, सुरक्षा योजनाओं और सरकारी संरक्षण अधिनियमों की जानकारी दी गई। कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद था—”महिलाओं को जागरूक बनाना, उन्हें सशक्त बनाना।”

Awareness program organized on International Women Day क्या हुआ कार्यक्रम में?

जिला कार्यक्रम अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने महिलाओं को समझाया कि घरेलू हिंसा, बाल विवाह, यौन शोषण या भिक्षावृत्ति जैसे मामलों में कैसे कानूनी मदद लेनी है। संरक्षक अधिकारी ताजुद्दीन ने कहा, “अक्सर महिलाएं डर या जानकारी के अभाव में चुप रह जाती हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर महिला अपने अधिकारों को पहचाने और बेझिझक मदद मांगे।”

आउटरीच वर्कर सुशील कुमार यादव और उनकी टीम (आसनत लकड़ा व प्रगेश वर्मा) ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिगों के साथ होने वाले अपराधों में तुरंत कार्रवाई होती है। साथ ही, वन स्टॉप सेंटर योजना के जरिए हिंसा पीड़ित महिलाओं को मेडिकल सहायता, कानूनी सलाह और पुलिस संरक्षण एक ही छत के नीचे मिलता है।

Awareness program organized on International Women Day बच्चों की सुरक्षा पर भी हुई चर्चा

कार्यक्रम में गुड टच-बैड टच जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी खुलकर बात हुई। अधिकारियों ने माताओं को समझाया कि बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बीच का फर्क कैसे समझाएं। इसके अलावा, बाल श्रम रोकथाम अधिनियम और दत्तक ग्रहण प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी दी गई।

“कास्टर केयर” से मिलेगी मदद

महिलाओं को कास्टर केयर योजना के बारे में भी बताया गया, जिसके तहत आदिवासी और ग्रामीण इलाकों की महिलाएं स्वास्थ्य सुविधाएं और आर्थिक मदद पा सकती हैं। बालकों की देखरेख एवं संरक्षक अधिनियम 2012 पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि बच्चों के अधिकारों को लेकर समाज को और संवेदनशील बनने की जरूरत है।

क्यों है ये जरूरी?

सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में महिलाएं अक्सर शिक्षा और जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। ऐसे में, ये जागरूकता कार्यक्रम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आगे भी गांव-गांव में ऐसे कार्यशालाएं चलाई जाएंगी।

आखिर में…

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली रंजना साहू ने कहा, “पहली बार पता चला कि हमें मुफ्त कानूनी सहायता का भी अधिकार है। अब डरने की बजाय, हम अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं।”

सरगुजा की महिलाएं अब न केवल अपने अधिकार जान रही हैं, बल्कि एक सुरक्षित कल के लिए आवाज उठाना भी सीख रही हैं। यही है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सही भावना!

Also Read- अम्बिकापुर नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर एवं पार्षदगण प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण समारोह कल , मुख्यमंत्री साय होंगे शामिल

Advertisement

ताजा खबरें