Ambikapur Tribal Department: सरगुजा : वैसे तो एक से बढ़कर एक घोटाले होते रहते हैं, किंतु अंबिकापुर ट्राइबल विभाग यानी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जो आदिवासियों के हित के लिए स्थापित किया गया है वहां दैनिक मजदूर नियुक्ति के नाम पर आदिवासी युवकों का शोषण किया गया है और इस नियुक्ति में करोड़ों रुपए हेरा फेरी किए जाने का सनसनी खेज मामला सामने आया है।
उक्त घोटाले की चर्चाएं होने पर, इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट ए एन पांडेय ने, विगत 1 वर्षों से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी का मांग किया की उनके कार्यालय में दैनिक मजदूर रखने का शासकीय स्तर पर क्या सेटअप है तथा दैनिक मजदूरों की संख्या कितनी है।

Ambikapur Tribal Department
जिस पर ट्राइबल विभाग अंबिकापुर द्वारा आज दिनांक तक दैनिक मजदूर का सेटअप कितना है इसकी जानकारी नहीं दिया किंतु तीन बार में मजदूरों की संख्या एक बार 435 तो दूसरी बार 778 और तीसरी बार 881 दैनिक मजदूर होने की सूची दे दिया। श्री पांडेय के अनुसार उन्हें दी गई जानकारी अभी भी अधूरी है जो पूरी तरह से स्पष्ट है की विभाग ने अधूरी जानकारी दिया है और जानबुझकर वास्तविक जानकारी अभि तक नहीं दिया है।
विश्वस्थ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रैवल विभाग अंबिकापुर में मात्र 435 दैनिक मजदूर रखने का सेटअप है किंतु यहां 1400 से 1500 तक दैनिक मजदूर को रखा गया है।
नौकरी देने के नाम पर दो- दो ढाई-ढाई लाख रुपए की बतौर रिश्वत
1000 से अधिक मजदूर से, उन्हें नौकरी देने के नाम पर दो- दो ढाई-ढाई लाख रुपए की बतौर रिश्वत लिए गए हैं। दैनिक मजदूरों को कोई नियुक्ति पत्र तक नहीं दी गई और किस आधार पर उन्हें रखा गया इसका जवाब ही किसी के पास नहीं है। दैनिक मजदूर भी खुलकर इसलिए नहीं बोल रहे हैं कि उन्हें लगता है कि उन्हें कुछ दिनों में शासकीय नौकरी मिल जाएगी!
इस तरह से जो हजारों दैनिक मजदूर के अवैध रूप से नियुक्ति के नाम पर करोड़ों रुपए ली गई है इस घोटाले का मास्टरमाइंड सुरेंद्र सिंह नामक एक शिक्षक द्वारा किया गया है, जो जो अवैध रूप से अपने मूल पद स्थापना से प्राथमिक शाला चोर का कथा में प्रधान पाठक और पहाड़ी कोरवा आश्रम पंघरी का आश्रम अधीक्षक होने के साथ-साथ प्रभारी मंडल संयोजक अंबिकापुर पद पर पदस्थ हैं।
ट्राइबल विभाग में सूचना के अधिकार
श्री ए एन पांडे ने बताया की ट्राइबल विभाग में सूचना के अधिकार के तहत मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी पर श्री सुरेंद्र सिंह द्वारा ही पृथक पृथक जानकारी तैयार कर कर दी गई। दैनिक मजदूर घोटाला अंबिकापुर ट्राइबल विभाग में श्री सुरेंद्र सिंह की अहम भूमिका बताई जाती है। किस संबंध में श्री पांडे ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को शिकायत भी दिया है। पर आज दिनांक तक उसे पर कोई कार्यवाही ना की गई है। और ना ही किए जाने की कोई उम्मीद नजर आती है।
ऐसे में श्री पांडेय ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय रायपुर एवं मुख्यमंत्री महोदय को उपरोक गंभीर मामले में शिकायत देने की बात कहा है। छत्तीसगढ़ का पहरेदार इस महान घोटाले में हुई अग्रिम करवाना अगली कार्यवाही से अपने पाठकों को अवगत कराते रहेगा।
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