अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन निर्माण की मांग : सरगुजा अंचल में रेल सुविधाओं के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल : Ambikapur-Renukut Railway Line

Ambikapur-Renukut Railway Line

Ambikapur-Renukut Railway Line: अंबिकापुर: सरगुजा इलाके में रेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन बनाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है। हाल ही में बिलासपुर में हुई रेलवे उपयोगकर्ता समिति की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने भी इस मांग को मंजूरी देकर केंद्र सरकार को भेजा है।

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Ambikapur-Renukut Railway Line

अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन की मांग कई सालों से की जा रही है। 26 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पास किया था। सरगुजा के सांसद चिंतामणि महाराज ने मार्च 2025 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस रेल लाइन को मंजूरी देने की मांग की। उनका कहना है कि इससे आदिवासी इलाकों का विकास होगा, कोयला ढुलाई आसान होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।

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इस रेल लाइन के फायदे

 सरगुजा, सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) और सिंगरौली (मध्य प्रदेश) जैसे कोयला क्षेत्रों को जोड़ने से कोयला लाना-ले जाना आसान होगा। इससे रेलवे को भी अच्छा मुनाफा होगा। सर्वे के मुताबिक, इस रेल लाइन से रेलवे को काफी फायदा होगा।  इस रेल लाइन से आदिवासी इलाकों के लोग देश के दूसरे हिस्सों से आसानी से जुड़ सकेंगे। स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलेगा और धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा, क्योंकि यह लाइन अयोध्या, काशी और जगन्नाथपुरी जैसे धार्मिक स्थलों से भी जोड़ेगी।  अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन बनने से सरगुजा के लोग कम समय में दिल्ली, बनारस और दूसरे बड़े शहरों तक जा सकेंगे।

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रेलवे ने अंबिकापुर-रेणुकूट और अंबिकापुर-बड़वाडीह रेल लाइन का सर्वे पूरा कर लिया है। अंबिकापुर से रेणुकूट तक की दूरी करीब 144 से 180 किलोमीटर है और अनुमानित लागत लगभग 5000 से 9000 करोड़ रुपये के बीच है। दिल्ली की एक कंपनी ने इसका फाइनल सर्वे किया है। सर्वे रिपोर्ट के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा और रेलवे उपयोगकर्ता समिति के सदस्य लगातार केंद्र सरकार और रेलवे बोर्ड से इस रेल लाइन को मंजूरी देने की अपील कर रहे हैं।

अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन सरगुजा और आसपास के इलाकों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ कोयला ढुलाई और व्यापार में मदद मिलेगी, बल्कि आम लोगों को भी यात्रा में आसानी होगी। लंबे समय से लंबित इस परियोजना को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे इलाके का विकास तेज़ी से हो सकेगा।

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