Cyber Fraud Gang : सुरजपुर : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर पुलिस ने साइबर फ्रॉड के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए म्यूल बैंक खातों से जुड़े दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह साइबर ठगों को किराए पर बैंक खाते, एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम उपलब्ध कराकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क विभिन्न राज्यों में सक्रिय था और ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए म्यूल अकाउंट का उपयोग करता था।

Cyber Fraud Gang गिरोह का तरीका:
आरोपी ग्रामीणों को नए बैंक खाते खोलने के लिए प्रलोभन देते थे और उनके खातों को साइबर ठगों को किराए पर देते थे। इन खातों का उपयोग फ्रॉड की प्राप्त रकम को ट्रांसफर करने और लेनदेन को छुपाने के लिए किया जाता था। पुलिस ने पहले ही इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिनके खातों से 2 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ था। हाल की गिरफ्तारी के बाद अब यह संख्या सात तक पहुंच गई है।
मामले की शुरुआत 16 अप्रैल को हुई जब पुलिस को म्यूल अकाउंट से जुड़े एक शिकायत प्रतिवेदन मिला। जांच में पाया गया कि आरोपी चंद्रदेव पैकरा, कमलेश्वर सिंह और रूपन पैंकरा जैसे सदस्यों के माध्यम से बैंक खाते किराए पर दिए जा रहे थे। इन खातों का उपयोग कर ठगों ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल नंबर और बैंक खातों को सीज कर दिया है।
पुलिस की कार्रवाई:
एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो की टीम ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के डेटा का विश्लेषण कर गिरोह का पता लगाया। पूछताछ में आरोपियों ने अपने जुर्म कबूल किए और बताया कि वे प्रति लेनदेन पर 0.25% कमीशन लेते थे। अब तक की जांच में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ है, जिसकी विस्तृत जारी है।
पुलिस ने बैंक खातों और सिम कार्डों की डिजिटल जांच तेज कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर काम कर रहा था और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से धन लॉन्ड्रिंग भी कर सकता था। पुलिस ने राज्य के अन्य जिलों और साइबर सेल के साथ समन्वय बढ़ा दिया है।
इस मामले में IPC की धारा 420, 120B और साइबर अपराध संबंधित प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और अज्ञात लोगों को बैंक खाता विवरण न देने की अपील की है।
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