सरगुजा पुलिस की बड़ी सफलता: AK-47 चोरी मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार : Arrested in AK-47 Theft Case

Arrested in AK-47 Theft Case

Arrested in AK-47 Theft Case : अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक पुलिस आरक्षक के घर से AK-47 राइफल और 90 जिंदा कारतूस की चोरी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दो शातिर चोरों और एक महिला, जो एक आरोपी की मां है, को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी पुलिस की सख्ती और सतर्कता का परिणाम है, जिसने न केवल अपराधियों को पकड़ने में मदद की, बल्कि समाज में भी सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है।

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Arrested in AK-47 Theft Case

गांधीनगर थाना क्षेत्र में एक पुलिस आरक्षक के घर से AK-47 राइफल, 90 जिंदा कारतूस और कीमती जेवरात चोरी हुए थे। यह घटना तब हुई जब आरक्षक अपने घर पर नहीं थे।

आरोपियों की गिरफ्तारी:

पुलिस ने सागर सिंह चौहान, प्रहलाद वासुदेव और सागर की मां शांति चौहान को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया, जिससे उन्हें आरोपियों की पहचान करने में मदद मिली। पुलिस ने मुखबिरों की मदद ली, जिन्होंने आरोपियों की गतिविधियों की जानकारी दी। इससे पुलिस को आरोपियों को जल्दी पकड़ने में सहायता मिली।

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पुलिस की कार्रवाई:

जांच और गिरफ्तारी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से आरोपियों को पकड़ा। पुलिस ने इस मामले में विशेष टीम गठित की थी, जिसने आरोपियों की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की। संदिग्ध परिस्थितियां आरोपियों ने चोरी की बात स्वीकार की और बताया कि वे चोरी का सामान बेचने की योजना बना रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे पहले भी कई चोरियों में शामिल रहे हैं।

बरामद सामग्री:

चोरी का सामान पुलिस ने AK-47 राइफल, जिंदा कारतूस, सोने-चांदी के जेवरात और अन्य सामान बरामद किया है। यह सामान आरोपियों के घर से और उनके साथी के पास से बरामद किया गया। नशीले इंजेक्शन आरोपियों के पास से 200 नशीले इंजेक्शन भी मिले हैं। यह नशीले इंजेक्शन उनके अवैध कारोबार का हिस्सा थे, जिसे वे बेचने की योजना बना रहे थे।

इस गिरफ्तारी से समाज में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि ऐसे अपराधों पर रोक लगेगी। लोगों को उम्मीद है कि आरोपियों को कड़ी सजा मिलेगी, जिससे भविष्य में इस तरह के अपराध होने की संभावना कम होगी।

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