Guru Ghasidas Dham: छत्तीसगढ़ सरकार ने बलौदाबाजार जिले का नाम बदलने का फैसला लिया है। अब यह जिला संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी के नाम पर “गुरु घासीदास धाम” कहलाएगा। इसके साथ ही, इसे राष्ट्रीय तीर्थस्थल भी घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही, छत्तीसगढ़ सरकार इस क्षेत्र को राष्ट्रीय तीर्थस्थल के रूप में भी घोषित कर सकती है। अपर कलेक्टर को जारी आदेश में अधिकारियों से इस फैसले पर स्पष्ट राय देने को कहा गया है। प्रशासन से जल्द से जल्द आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

Guru Ghasidas Dham
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले का नाम बदलकर “गुरु घासीदास धाम” रखने का निर्णय हाल ही में लिया गया है। यह परिवर्तन संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के सम्मान में किया गया है, जो कि सतनामी पंथ के संस्थापक माने जाते हैं।
नाम परिवर्तन का उद्देश्य
- समर्पण: यह नाम परिवर्तन गुरु घासीदास बाबा की स्मृति और उनके सामाजिक योगदान को सम्मानित करने के लिए किया गया है।
- राष्ट्रीय तीर्थस्थल: प्रशासन ने इस जिले को राष्ट्रीय तीर्थस्थल के रूप में घोषित करने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिससे यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन सकेगा।

प्रशासनिक आदेश
- आधिकारिक आदेश: अपर कलेक्टर को इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है, जिसमें नए नाम के तहत आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
- कार्यान्वयन: प्रशासन ने इस बदलाव को लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जिले की पहचान एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में स्थापित हो सके।

गुरु घासीदास का योगदान
गुरु घासीदास बाबा का जन्म 18 दिसंबर 1756 को गिरौदपुरी, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उन्होंने समाज में व्याप्त जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और मानवता के लिए समानता का संदेश फैलाया। उनके सिद्धांतों ने समाज में गहरा प्रभाव डाला और उनकी जयंती हर साल मनाई जाती है।
इस प्रकार, बलौदाबाजार जिले का नया नाम “गुरु घासीदास धाम” न केवल एक प्रशासनिक बदलाव है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को भी दर्शाता है।
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