Husband Demanded Wife’s Virginity Test:रायगढ़: बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक मामले अहम फैसला सुनाया है, कोर्ट ने पति द्वारा पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग को असंवैधानिक ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी है कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की मांग न केवल महिलाओं की गरिमा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 के भी विपरीत है।

Husband Demanded Wife’s Virginity Test पति ने की थी पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग
ये मामला रायगढ़ जिले का है, जहां के एक दंपति के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा था पत्नी ने भरण-पोषण के लिए अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने अपने पति को नपुंसक बताया था वहीं, पति ने भी पत्नी पर चरित्र से जुड़े गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि उसकी पत्नी के अपने बहनोई के साथ अवैध संबंध हैं इसी आधार पर पति ने कोर्ट से पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की थी , रायगढ़ के पारिवारिक न्यायालय में जुलाई 2024 को दर्ज मामले में पत्नी ने ₹20,000 प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण की मांग की थी।


हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, याचिका की खारिज
बिलासपुर हाईकोर्ट ने न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने क्रिमिनल रिवीजन की सुनवाई के दौरान इस पर गंभीर टिप्पणी की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक है और महिला की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करता है यह संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है, अगर पति खुद पर लगे आरोपों को गलत साबित करना चाहता है तो वह खुद का मेडिकल परीक्षण करा सकता है, लेकिन पत्नी पर ऐसा आरोप थोपना अवैध है।
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