Grand celebration of Bastar Pandum: नारायणपुर में इस वर्ष बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य जनजातीय संस्कृति, लोककला, वेशभूषा और खानपान को संरक्षित करना है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और कहा कि यह उत्सव हर वर्ष आयोजित किया जाएगा ताकि बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत संरक्षित रहे।

Grand celebration of Bastar Pandum प्रतियोगिताएँ आयोजित
इस आयोजन में जनजातीय नृत्य, गीत, नाटक, वाद्ययंत्र, शिल्प और पारंपरिक व्यंजनों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। नेतानार के कचरा वड्डे एवं साथियों ने जनजातीय नृत्य में प्रथम पुरस्कार जीता, वहीं अन्य श्रेणियों में भी विभिन्न प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। वन मंत्री ने बस्तर की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा की सराहना करते हुए कहा कि यह क्षेत्र देवी-देवताओं की भक्ति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
आदिवासी संस्कृति के संरक्षण
इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। बस्तर पंडुम को आदिवासी संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी परंपराओं से जोड़े रखने में सहायक होगी।
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