Public Relations Department Vidhan Sabha :छत्तीसगढ़: जनसंपर्क एवं प्रचार प्रसार के संबंध में प्रश्न करते हुए भावना बोहरा ने पूछा कि प्रदेश में जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत प्रदेश के कुल कितने समाचार पोर्टल और कितने राष्ट्रीय समाचार पोर्टल पंजीकृत हैं, वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में दिनांक 31/01/2025 तक राज्य सरकार द्वारा डिजिटल समाचार पोर्टल्स, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और रेडियो स्टेशनों को कितने सरकारी विज्ञापन जारी किए ।
और कितनी राशि आवंटित की गई, डिजिटल मीडिया और समाचार पोर्टल्स के लिए पंजीकरण एवं सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने की क्या मानक प्रक्रिया है? क्या पिछले 1 वर्ष में इस प्रक्रिया में कोई बदलाव किया गया है? जिसके प्रतिउत्तर में लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि जनसंपर्क विभाग द्वारा न्यूज पोर्टल्स का पंजीकरण नहीं किया जाता है।

Public Relations Department Vidhan Sabha विज्ञापन भुगतान की अनियमितता का उठाया मुद्दा
राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए समाचार पोर्टल्स का इम्पेनल किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के कुल 243 समाचार पोर्टल इम्पेनल हैं। किसी भी राष्ट्रीय समाचार पोर्टल इम्पैनल नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल डिजिटल पोर्टल्स में 3189 कार्यादेश हेतु 67, 16,89,759 रुपए समाचार पत्रों हेतु 12,881 कार्यादेश हेतु 1,47,36,54,282 रुपए, टी.वी. चैनलों में कुल 901 विज्ञापन हेतु 1,40,93,32,923 रुपए एवं ।
रेडियो स्टेशन में 187 विज्ञापन हेतु 5,29,55,891 रुपए वहीं वर्ष 2024-25 में 31 जनवरी तक डिजिटल पोर्टल्स में 1986 कार्यादेश हेतु 13, 16, 27,516 रुपए समाचार पत्रों हेतु 8379 कार्यादेश हेतु 59,20,52,884 रुपए, टी.वी. चैनलों में कुल 597 विज्ञापन हेतु 58,52, 43, 484 रुपए एवं रेडियो स्टेशन में 145 विज्ञापन हेतु 2,71,31.424 रुपए आवंटित किये गए हैं। जनसंपर्क विभाग द्वारा न्यूज पोर्टल का पंजीकरण नहीं किया जाता है । प्रचार-प्रसार की सुविधा की दृष्टि से न्यूज पोर्टल का इम्पैनलमेंट किया जाता है। विज्ञापन नियमावली-2019 यथा संशोधित नियम- 2020 के अंतर्गत विज्ञापन स्वीकृत किए जाते हैं। पिछले एक वर्ष में इस प्रकिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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इस पर भावना बोहरा ने प्रश्न किया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एक वर्ष में विगत वर्ष की तुलना लगभग दोगुना राशि विज्ञापन हेतु आवंटित की है, कहीं न कहीं यह सरकारी पैसों का दुरूपयोग है इसकी जांच होनी चाहिए। कई शिकायतें भी मिली हैं की विज्ञापन हेतु होर्डिंग्स के लिए 3 महीने का अनुबंध किया जाता है परन्तु एक माह में ही होर्डिंग हटा दिया जाता है और उसका पूरे 3 महीने का भुगतान किया जाता है, इस मद में भुगतान की गई राशि की जांच की मांग करती हूं।
वहीं डिजिटल समाचार पोर्टल हेतु 243 पोर्टल को इम्पेनल किया गया है क्या उससके लिए 243 टेंडर जारी किया गया है। जिसके प्रतिउत्तर में माननीय मंत्री जी ने जवाब दिया कि 243 टेंडर जारी किया गया है और होर्डिंग के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध कराई जाती है तो उसका परिक्षण कराया जाएगा।
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