Ambikapur Saint Gahira Guru’s Birth Anniversary Celebrated: अम्बिकापुर : अंबिकापुर के मणिपुर स्थित संत गहिरा गुरु आश्रम में पूज्य संत गहिरा गुरु का जयंती श्रावण अमावस्या के दिन धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर निगम अंबिकापुर के सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी ने अपने उद्बोधन में उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत गहिरा गुरु जिनका बचपन का नाम रामेश्वर कंवर था, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घने जंगलों के बीच बसे एक छोटे से गांव गहिरा में जन्मे एक महान आध्यात्मिक गुरु और समाज-सुधारक थे।

उनका जीवन सेवा, सादगी और सामाजिक उत्थान को समर्पित था। वे विशेष रूप से वनवासी समाज के उत्थान के लिए जाने जाते हैं, जहाँ उन्होंने न केवल आध्यात्मिक चेतना का प्रसार किया, बल्कि सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए भी अथक प्रयास किए। सनातन धर्म और समाज के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी प्रासंगिक है।

Ambikapur Saint Gahira Guru’s Birth Anniversary Celebrated
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में जनजाति गौरव युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष इन्दर भगत ने बताया की संत गहिरा गुरु ने सात वर्ष की अल्पायु से ही आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए तपस्या किया और ज्ञान प्राप्ति के पश्चात वनवासी समाज के बीच में जाकर समाज में न केवल धार्मिक और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में काम किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय स्थापना किए और लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाया।
आज सरगुजा संभाग का एकमात्र विश्वविद्यालय संत गहिरा गुरु के नाम पर स्थापित है, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मानित करता है। उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे। उनकी शिक्षाओं ने हजारों लोगों के जीवन को नई दिशा दी। आज भी छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में संत गहिरा गुरु की स्मृति और शिक्षाएं गहराई से बसी हुई हैं। वे एक ऐसे युगद्रष्टा संत थे, जिन्होंने अध्यात्म को समाज-सेवा से जोड़ा और जनजागरण की एक अनोखी मिसाल कायम की।
समारोह को पार्षद सालेम केरकेट्टा, किरण साहू, अशोक सोनवानी, विधायक प्रतिनिधि सुरेश मालिक ने संबोधित किया। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन यदुवंश केरकेट्टा और राम बिहारी सिंह पैंकरा ने किया।

इस अवसर पर संत समाज के अनुयायी कमल रजवाड़े, गणेश पैकरा, हीरा लाल, नेतराम, रामसेवक साहू, सत्यम साहू, पप्पू साहू, उमेश किस्पोट्टा, अमरनाथ साहू, बढ़हु राम यादव, भोला भगत, आश कुमार साहू, धनसाय दास, पार्वती, नीरज किस्पोट्टा, दीपक केरकेट्टा, विकास मुंडा, राकेश कुशवाहा, मिथलेश श्रीवास्तव, खुशबू एक्का, मिथलेश साहू , श्रीमती सबिना केरकेट्टा, श्रीमती शीला मिंज सहित बड़ी संख्या में वार्ड वासी एवं अनुयायी उपस्थित रहे।
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