Political Tussle Over Media Coverage Protocol: रायपुर : छत्तीसगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं उनसे जुड़े अस्पतालों में मीडिया कवरेज को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नया दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इस दिशा-निर्देश के तहत, अब मीडिया कर्मियों को अस्पताल परिसर में रिपोर्टिंग करने से पहले संबंधित प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। विभाग का तर्क है कि यह कदम मरीजों की गोपनीयता और अस्पताल व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।



Political Tussle Over Media Coverage Protocol
हालांकि, इस आदेश के बाद प्रदेश में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में मीडिया की आज़ादी सर्वोपरि है और इस तरह के आदेश सरकार की जवाबदेही से बचने की कोशिश हैं।
वहीं, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस आदेश पर व्यंग्य करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
“तुम इतना जो घबराए हुए हो, क्या छिपाने को कुछ है?”
उनका इशारा स्पष्ट था कि सरकार अस्पतालों की असुविधाजनक स्थिति को छुपाने के लिए मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा रही है।
विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह निर्देश अस्पतालों में व्याप्त कमियों को छुपाने का प्रयास है। उन्होंने इस दिशा-निर्देश को तुरंत वापस लेने की मांग की है ताकि मीडिया स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिंग कर सके।

वहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मीडिया कवरेज के दौरान कई बार अस्पताल की व्यवस्था बाधित होती है और मरीजों की निजता प्रभावित होती है। इसलिए यह दिशा-निर्देश केवल सुव्यवस्थित कवरेज और मरीजों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, न कि किसी सूचना को छुपाने के लिए।
इस विवाद ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। मीडिया और विपक्ष लगातार इस आदेश को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन इसे व्यवस्था सुधार का हिस्सा बता रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
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