Government School Sanitation Worker on Indefinite Strike:– अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले 43,301 सफाई कर्मचारी पिछले 15 सालों से अपनी मांगें पूरी करने के लिए लड़ रहे हैं। उन्हें रोजाना सिर्फ 2 घंटे सफाई का काम करना होता है, लेकिन स्कूलों में भृत्य और चपरासी न होने की वजह से उन्हें कई और काम भी करने पड़ते हैं। इसके बदले उन्हें हर महीने केवल 3,000 से 3,400 रुपये मिलते हैं, जो आज की महंगाई में परिवार चलाने के लिए बहुत कम है।

Government School Sanitation Worker on Indefinite Strike 15 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
सफाई कर्मचारी संघ ने कई बार सरकार से अपनी मांगें पूरी करने को कहा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए 15 जून 2025 से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें सही वेतन दिया जाए और नौकरी की स्थिरता दी जाए।

कर्मचारियों का कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने वेतन बढ़ाने और अन्य मांगें पूरी करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो हड़ताल जारी रहेगी और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।


हड़ताल के कारण स्कूलों की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। इससे बच्चों और स्कूल स्टाफ को परेशानी हो रही है। संघ ने कहा कि अगर सरकार जल्दी कदम नहीं उठाएगी तो हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं और स्कूलों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। छत्तीसगढ़ के स्कूल सफाई कर्मचारी अपनी जरूरी मांगों को लेकर 15 साल से संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की अनदेखी से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे स्कूलों की व्यवस्था और बच्चों की पढ़ाई दोनों पर असर पड़ रहा है।
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